नई दिल्ली। मार्च महीने में भारत की विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। ऐसा इसलिए कि कंपनियों में बिजनेस ऑर्डर की रफ्तार सुस्त रही है और उन्होंने नई भर्तियों के प्रति कम दिलचस्पी दिखाई है। यह बात एक सर्वे के जरिए सामने आई है।
निक्केई इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) जो कि फरवरी में 52.1 पर रहा था वो मार्च में गिरकर पांच महीने के निचले स्तर के साथ 51.0 पर आ गया है। यह संकेत देता है कि यह अक्टूबर के बाद की संचालन स्थितियां सुस्त रफ्तार से बढ़ी हैं। हालांकि यह लगातार आठवां महीना है, जब सूचकांक 50 अंकों से ऊपर रहा है। आपको बता दें कि पीएमआई इंडेक्स में 50 से ऊपर का स्तर विस्तार और इससे नीचे का स्तर संकुचन को दर्शाता है।
आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और रिपोर्ट की लेखिका आशना डोढिया ने बताया, भारत के विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि जारी है, हालांकि अक्टूबर महीने में रफ्तार थोड़ी सुस्त रही है। यह नए व्यवसाय की ओर से हासिल किए गए कमजोर लाभ और आठ महीनों में पहली बार रोजगार में गिरावट को दर्शाता है।
डोढिया ने बताया कि भारत पर स्टील और एल्यूमीनियम पर यूएस टैरिफ का असर सीमित रहने की उम्मीद है क्योंकि भारत से अमेरिका को होने वाले इन दोनों ही मैटल के निर्यात में कुल 0.4 फीसद की हिस्सेदारी है। गौरतलब है कि बीते महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में स्टील पर 25 फीसद और एल्यूमिनियम पर 10 फीसद आयात शुल्क लगाने वाले कानून पर हस्ताक्षर कर दिए थे।