देश के पहले लोकपाल के तौर पर जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को दिलाई शपथ

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष ने देश के पहले लोकपाल के तौर पर शपथ ले ली। आम चुनावों से ठीक पहले लोकपाल की नियुक्ति को लेकर काफी राजनीतिव विवाद भी हुआ। जस्टिस घोष को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के पहले लोकपाल के तौर पर शपथ दिलाई। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद थे। जस्टिस घोष को प्रेजिडेंट रामनाथ कोविंद ने पद की शपथ दिलाई। इस मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीफ जस्टिस रंजन गोगोईव भी मौजूद थे। जस्टिस घोष इससे पहले आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं। जस्टिस घोष वर्तमान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य भी हैं और मानवाधिकार कानूनों के जानकार के तौर पर उन्हें माना जाता है।
Justice Pinaki as the first Lokpal of the country, administered the oath to Chandra Ghosh
लोकपाल में 8 अन्य सदस्य भी शामिल
जस्टिस पी. सी. घोष को लोकपाल नियुक्त करने के साथ न्यायिक सदस्यों के तौर पर जस्टिस दिलीप बी. भोंसले, जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती, जस्टिस अभिलाषा कुमारी, जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी होंगे। न्यायिक सदस्यों के साथ ही कमिटी में 4 अन्य सदस्यों के तौर पर दिनेश कुमार जैन, अर्चना रामसुंदरम, महेंद्र सिंह और डॉक्टर इंद्रजीत प्रसाद गौतम भी शामिल किए गए हैं।
चयन समिति की बैठक में नहीं गए थे खड़गे
बता दें कि लोकपाल नियुक्ति की सिलेक्ट कमिटी में प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस या उनके द्वारा नामित जज, नेता विपक्ष, लोकसभा अध्यक्ष और एक जूरिस्ट होता है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में नेता विपक्ष नहीं होने की स्थिति में विपक्षी दल के नेता को विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर शामिल करने की बात सरकार ने कही थी। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकपाल कमिटी की बैठक में हिस्सा लेने से इनकार करते हुए सरकार पर मनमानी का आरोप लगाया था।