दो हिंदू बच्चियों का जबरन धर्म परिवर्तन का मामला, सिंध में जबरन धर्मांतरण की घटनाएं आम

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नई दिल्ली/इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सिंध में 2 नाबालिग हिंदू बहनों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन की घटना नई नहीं है। पाकिस्तान का यह सूबा जब-तब इन वजहों से सुर्खियां बटोरता रहा है। बता दें कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बच्चियों के जबरन धर्म परिवर्तन पर पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी को खूब फटकारा था। पाक मंत्री ने इसे पाकिस्तान का आंतरिक मामला बताकर पल्ला झाड़ लिया।

पाक में हर साल 1000 धर्मांतरण!
यूनिवर्सिटी आॅफ बर्मिंगम की एक स्टडी में औरत फाउंडेशन और मूवमेंट फॉर सॉलिडेरिटी ऐंड पीस के हवाले से बताया गया है कि हर साल पाकिस्तान में 1000 धार्मिक अल्पसंख्यक महिलाओं और लड़कियों को अगवा कर उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है। अत्याचार का सिलसिला यहीं खत्म नहीं होता। धर्मांतरण कराने के बाद अपहरण करने वाले शख्स के साथ लड़की की जबरन शादी करा दी जाती है।

नियमों पर हस्ताक्षर पर मानता नहीं पाक
पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग के पूर्व वाइस-चेयरपर्सन अमरनाथ मौतुल के अनुसार देश में हर महीने 20 या उससे भी ज्यादा हिंदू लड़कियां अगवा की जाती हैं और उन्हें धर्म बदलने के लिए मजबूर किया जाता है। वैसे, पाकिस्तान ने महिलाओं के खिलाफ भेदभाव रोकने और उन्हें अधिकार देने के लिए अंतरराष्ट्रीय समझौते पर हस्ताक्षर भी किए हैं। इसके आर्टिकल 16 में साफ तौर पर महिला को यह अधिकार दिया गया है कि उसकी शादी तभी कराई जा सकती है जब वह पूरी तरह सहमत हो। पाकिस्तान ने चाइल्ड राइट्स कन्वेंशन को भी लागू किया है, जिसके आर्टिकल 14 (1) में कहा गया है कि सभी को बच्चे के धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान करना जरूरी है।

बिल पारित पर कट्टरपंथियों ने रोका
सिंध में फरवरी 2013 में तमाम प्रदर्शनों के बाद जबरन धर्मांतरण और विवाह को रोकने के लिए कमिटी बनी। कुछ गाइडलाइन तैयार की गई और पीड़ितों को न्याय दिलाने की व्यवस्था की गई। धर्मांतरण रोकने और वैध शादी के लिए उम्र सीमा तय की गई। सिंध असेंबली में 2016 में मैरिज ऐक्ट पास भी हो गया। हालांकि यह कानून नहीं बन सका, क्योंकि तत्कालीन गवर्नर सईद-उज-जमान सिद्दीकी ने जनवरी 2017 में इसे वापस कर दिया। जल्द ही सिद्दीकी की मौत हो गई और बाद में कट्टरपंथी समूहों और पार्टियों के विरोध के कारण बिल को रोक दिया गया।

सिंध प्रांत में जबरन धर्मांतरण की घटनाएं आम
भारतीय उच्चायोग के सूत्रों का कहना है कि सिंध प्रांत में जबरन धर्मांतरण की घटनाएं आम हो गई हैं। दो बहनों को अगवा कर जबरन इस्लाम कबूल करने की घटना का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इसकी काफी आलोचना हो रही है। दोनों बहनों के भाई का भी एक विडियो वायरल हुआ है जिसमें वह अपनी पीड़ा बता रहा है। इस घटना के बाद दोनों बहनों की मां को हार्ट अटैक हुआ है और वह अस्पताल में भर्ती हैं। अभी तक की जानकारी के अनुसार दोनों बहनों को कोहबार और मलिक जनजाति के लोगों ने अगवा किया था। हिंदू सेवा वेलफेयर ट्रस्ट के चीफ संजेश धांजा का कहना है कि सिर्फ मार्च में ही ऐसी 6 घटनाएं हो चुकी हैं। इस घटना के बाद पाकिस्तान के प्रमुख शहरों कराची, लाहौर में अल्पसंख्यकों के लिए प्रदर्शन हुए हैं।

भारत सरकार ने पाक विदेश मंत्रालय को भेजा नोट
भारत ने इस घटना पर चिंता जताते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के लिए एक नोट जारी किया। भारत की तरफ से जारी पत्र में पीड़ित परिवार के लिए जरूरी सुरक्षा उपाय करने की मांग की। पत्र में भारत ने पाकिस्तान सरकार से अपने देशवासियों की सुरक्षा, रक्षा और कल्याण के लिए सही कदम उठाने की मांग की गई, खास तौर पर देश में रहनेवाले अल्पसंख्यक समुदाय के लिए।’

पाकिस्तान में हिंदू मैरिज ऐक्ट की हिंदू सांसद ने की मांग
इसी महीने इस घटना के ठीक पहले पाकिस्तान के हिंदू सांसद डॉक्टर रमेश कुमार वाकवानी ने हिंदू लड़कियों के धर्म परिवर्तन कराने को लेकर चिंता जाहिर की थी। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स आॅफ इंडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार, उन्होंने इसे रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार से तत्काल कानून बनाने की भी मांग की। हिंदू मैरिज ऐक्ट का प्रस्ताव उन्होंने संसद में रखा था। उन्होंने हिंदू मैरिज ऐक्ट पर जोर देते हुए कहा, ‘हिंदू लड़कियों को अगवा कर उन्हें छोड़ने के बदले में इस्लाम कबूल करने को कहा जाता है। इसे रोकने के लिए हिंदू मैरिज ऐक्ट लागू किया जाना जरूरी है।’