भोपाल। दिग्विजय सिंह एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। वजह है भाजपा के गढ़ भोपाल से चुनाव लड़ना। 16 साल बाद दिग्विजय सिंह चुनावी मैदान में हैं और उन्हें जिस सीट से टिकट दिया गया है बीते 30 सालों से कांग्रेस को वहां जीत नसीब नहीं हुई है। दिग्विजय सिंह अपनी जीत के दावे कर रहे हैं पर बातों ही बातों में उन्होंने अपनी नाराजगी भी प्रकट कि है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि राघौगढ़ उनकी विधानसभा सीट है और राजगढ़ संसदीय सीट वो वहां से चुनाव लड़ने की इच्छा भी जता चुके थे पर पार्टी ने उनकी इच्छा को दरकिनार कर दिया।
क्या कहा दिग्विजय सिंह ने
एएनआई के अनुसार, दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘राघौगढ़ मेरी विधानसभा सीट है और राजगढ़ मेरी संसदीय सीट है। मैं राज्यसभा का सदस्य हूं। मैंने पार्टी अध्यक्ष से कहा था कि वो जहां से भी मुझे मैदान में उतरना चाहते हैं, मैं चुनाव लड़ूंगा। उन्होंने कहा कि भोपाल और मैं तैयार हूं।’ उन्होंने कहा- अब भोपाल लोकसभा सीट पर कड़ा मुकाबला होगा और हम विजयी होंगे। भाजपा मेंरे खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार को मैदान में उतार सकता है, मुझे कोई समस्या नहीं है लेकिन मुझे विश्वास है कि हम भोपाल में जीतेंगे। भोपाल लोकसभा से दिग्विजय सिंह के चुनाव लड़ना किसी चुनौती से कम नहीं है। माना जा रहा है कि अब दिग्विजय सिंह मुकाबला सिर्फ भाजपा उम्मीदवार नहीं बलेकि आरएसएस (संघ) और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से है।
पहले भी जता चुके है राजगढ़ से चुनाव लड़ने की इच्छा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि दिग्विजय सिंह और बड़े नेताओं को कठिन सीटों से चुनाव लड़ना चाहिए जहां से कांग्रेस बीते 30 से 35 सालों से चुनाव नहीं जीती है। कमलनाथ के इस बयान के बाद से अटकलें लगाई जा रही थीं कि दिग्विजय सिंह भोपाल या इंदौर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। कमलनाथ के इस बयान पर दिग्विजय सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, ‘धन्यवाद कमल नाथ जी को जिन्होंने मप्र में कॉंग्रेस की कमजोर सीटों पर लड़ने का आमंत्रण दिया। उन्होंने मुझे इस लायक समझा मैं उनका आभारी हूं। मैं राघौगढ़ की जनता की कृपा से 77 की जनता पार्टी लहर में भी लड़ कर जीत कर आया था। चुनौतियों को स्वीकार करना मेरी आदत है। जहां से भी मेरे नेता राहुल गांधी जी कहेंगे मैं लोकसभा चुनाव लड़ने तैयार हूं।’
बेटे जयवर्धन ने कंसा था तंज
दिग्विजय सिंह ने टिकट की घोषणा के बाद कुछ नहीं कहा था लेकिन उनके समर्थन ने उनके बेटे और कमलनाथ सरकार में मंत्री जयवर्धन सिंह सामने आ गए थे। उन्होंने एक ट्वीट किया था, जिसमें विरोधियों को चुनौती दी थी तो अपनों पर भी निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, “अगर फलक को जिद है ,बिजलियाँ गिराने की तो हमें भी जिÞद है, वहि पर आशियाँ बनाने की सर्वत्र दिग्विजय सर्वदा दिग्विजय।” इस ट्वीट के माध्यम से जयवर्धन ने एक तरफ हमला किया है तो दूसरी तरफ यह बताने की कोशिश की है कि दिग्विजय सिंह से बड़ा मध्यप्रदेश में कोई नेता नहीं है और वह अपने पिता दिग्विजय सिंह के साथ खड़े हैं।