मोदी में मिशन को मंजूरी देने की हिम्मत थी: DRDO के पूर्व चीफ वीके सारस्वत

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नई दिल्ली। डीआरडीओ के पूर्व चीफ वीके सारस्वत ने मिशन शक्ति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने बताया, डॉ सतीश रेड्डी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने जब यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री मोदी के सामने रखा था, उनके अंदर हिम्मत थी इसलिए उन्होंने इसे मंजूरी दी। हमें यूपीए सरकार से सकारात्मक जवाब नहीं मिला। अगर 2012-2013 में मिशन की मंजूरी मिल जाती तो यह 2014-15 में ही लॉन्च हो जाता।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। उन्होंने बताया, “भारत ने तीन मिनट में अंतरिक्ष में लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में सैटेलाइट को मार गिराया। यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है।” हालांकि, मोदी के इस संबोधन को लेकर विपक्षी दलों ने निशाना साधा।

इसरो के पूर्व चेयरमैन ने भी मोदी की तारीफ की
इसरो के पूर्व चेयरमैन जी माधवन नायर ने कहा, ”एंटी सैटेलाइट मिसाइल की क्षमता एक दशक पहले से ही थी, लेकिन इसे पूरा करने की राजनीतिक इच्छा शक्ति नहीं थी। उन्होंने बताया कि चीन ने 2007 में इस तरह की मिसाइल का परीक्षण किया था। उस समय ऐसी ही तकनीकि भारत के पास भी थी। मोदी ने इसकी पहल की। उनमें राजनीतिक इच्छा शक्ति और साहस था कि वे कह सकें कि हम इसे पूरा करेंगे। अब हमने पूरी दुनिया को दिखा दिया।”

राहुल ने मोदी पर कसा तंज
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मिशन शक्ति की सफलता पर डीआरडीओ की तारीफ की। हालांकि, उन्होंने मोदी पर तंज कसा। राहुल ने ट्वीट किया, “वेल डन डीआरडीओ, आपकी इस उपलब्धि पर हमें बहुत गर्व है। मैं प्रधानमंत्री को वर्ल्ड थिएटर डे की बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं।”

कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा, जिस एएसएटी मिशन का आज सफलता पूर्वक परीक्षण हुआ है वह यूपीए सरकार में शुरू हुआ था। मैं अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और डॉ मनमोहन सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व को बधाई देता हूं।

मोदी की कॉन्फ्रेंस पर संज्ञान ले आयोग- मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया, “भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों द्वारा अंतरिक्ष में सैटेलाइट मार गिराए जाने का सफल परीक्षण करके देश का सर ऊंचा करने के लिए अनेकों बधाई। लेकिन इसकी आड़ में मोदी द्वारा चुनावी लाभ के लिए राजनीति करना अति-निन्दनीय है। चुनाव आयोग को इस पर सख्त संज्ञान अवश्य लेना चाहिए।

वैज्ञानिकों को करनी थी घोषणा- ममता

प बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ”यह राजनीतिक ऐलान था, वैज्ञानिकों को यह घोषणा करनी थी। यह उनका क्रेडिट है। केवल एक सैटेलाइट नष्ट किया गया, इसकी जरूरत नहीं थी। ये काफी समय से वहां था। यह वैज्ञानिकों का विशेषाधिकार था कि इसे कब करना है। मोदी के लिए क्या जरूरत थी कि वे चुनाव के समय आचार संहिता का उल्लंघन करके क्रेडिट लें। क्या उन्होंने मिशन में काम किया? क्या वे अंतरिक्ष गए थे? हम इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करेंगे।”

असल मुद्दों से ध्यान भटका रहे मोदी- अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, आज मोदी घंटे भर मुफ्त में टीवी पर रहे और आकाश की ओर इशारा करके राष्ट्र के जमीनी मुद्दों बेरोजगारी, महिला सुरक्षा और ग्रामीण हालत से जनता का ध्यान भटका रहे हैं।

जेटली ने कहा- झूठी पीठ थपथपा रहे हैं कांग्रेसी

  • वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, “आज हमारे देश के लिए ऐतिहासिक दिन है। हमारे वैज्ञानिकों के लिए विशेष रूप से जिन्होंने आज वो क्षमता हासिल की, जो सिर्फ 3 देशों के पास है। ये क्षमता एंटी मिसाइल की, जो ऑर्बिट में किसी भी सैटेलाइट को टारगेट करने की क्षमता रखते हैं। इसके लिए सभी वैज्ञानिक और शोध की संस्थाएं अभिनंदन के पात्र हैं। ये बहुत समय से हमारे वैज्ञानिकों की इच्छा रही थी, उनका कहना था कि उनके पास ऐसी क्षमताएं हैं, लेकिन भारत सरकार हमें अनुमति नहीं देती थी। इसलिए हम इस ताकत को बनाने में असमर्थ हैं।
  • जेटली ने कहा, “कुछ कांग्रेसी मित्र जो अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। जब अग्नि 5 लॉन्च हुई थी, अप्रैल 2012 में इसकी घोषणा हुई। डीआरडीओ के जनरल डायरेक्टर वीके सारस्वत ने कहा कि हममें वो क्षमता है कि एंटी सैटेलाइट मिसाइल तैयार करें, लेकिन सरकार परमिशन नहीं देती। इसकी पूरी प्रक्रिया 2014 के बाद शुरू हुई, जब प्रधानमंत्री ने अनुमति दी और हमारे वैज्ञानिकों ने इसे अंतिम रूप दिया।”