रोबॉट जज करेंगे प्रकरणों की सुनवाई, निपटाएंगे 5.5 लाख तक के मामले

0
167

नई दिल्ली। यूरोप का देश स्टोनिया एक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस पावर्ड रोबो-जज तैयार कर रहा है, जो छोटे कोर्ट के मामलों में जज की भूमिका निभा सकेगा। लीगल डॉक्यूमेंट्स का विश्लेषण करने के बाद यह रोबॉट प्री-प्रोग्राम्ड अल्गोरिदम्स और ट्रेनिंग के आधार पर फैसला सुनाएगा। यह रोबो-जज 7,000 यूरो (करीब 5.4 लाख रुपये) से कम के विवाद वाले मामलों में सुनवाई करेगा और फैसले सुनाएगा। इस तरह बड़े मामलों के लिए वक्त और संसाधनों की बचत हो सकेगी।
सभी मामलों में रोबो-जज के फैसलों को कानूनी प्रक्रिया के तहत वैध माना जाएगा, लेकिन इसके खिलाफ मानव जज के कोर्ट में अपील की जा सकेगी। यह प्रोजेक्ट और टेक्नॉलजी अब भी टेस्टिंग प्रोसेस में है और इसे लागू करने के लिए अभी कोई डेट तय नहीं की गई है। इससे जुड़ा एआई प्रोजेक्ट अब तक के टेस्ट में मिले परिणामों की घोषणा मई में ही कर सकता है। स्टोनिया में केवल 10,40000 नागरिक हैं, इसके बावजूद तकनीक के मामले में यह देश काफी आगे है और लगातार डिवेलप कर रहा है। रोबो-जज टेक्नॉलजी के डिवेलपर्स अब भी कई डीटेल्स और प्रोटोकॉल्स का सामना कर रहे हैं। साथ ही इस टेक्नॉलजी में लीगल प्रफेशनल्स के मुताबिक कुछ रिवीजन भी करने होंगे। देश के चीफ डेटा आॅफिसर ओट वेल्सबर्ग ने ह्र१ी िसे कहा, ‘हम चाहते हैं इसे लेकर सरकार जितना हो सके, लचीला रवैया अपनाए।’ वेल्सबर्ग स्वीडन की एक यूनिवर्सिटी से एआई इन गवर्मेंट साइंस में पीएचडी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब हमें देश में कर्मचारियों की जरूरत है, एआई एजेंट मदद कर सकते हैं।
रोबॉटिक्स से स्टोनिया का जुड़ाव नया नहीं है क्योंकि यहां नैशनल आईकार्ड सिस्टम, ई-वोटिंग और डिजिटल टैक्स फाइलिंग तक टेक्नॉलजी पहले ही पहुंच चुकी है। देश की इकनॉमिक मिनिस्ट्री भी एआई और रोबॉट्स को लीगल स्टेटस देकर उन्हें ‘रोबॉट एजेंट्स’ बनाने को लेकर अपना रुख जाहिर कर चुकी है। सरकार की आईटी स्ट्रैटजी अधिकारी सिम सिकुट का कहना है कि यह टेक्नॉलजी कई फायदे साथ लेकर आएगी।