नई दिल्ली। इनोवेशन के लिए सही माहौल मिले तो भारत पांच साल में दूसरी सिलिकॉन वैली विकसित कर सकता है। विश्व बैंक के भारत में प्रमुख जुनैद कमाल अहमद ने मंगलवार को यह बात कही। अहमद विकासशील देशों में इनोवेशन के विकास पर विश्व बैंक की रिपोर्ट जारी करने के मौके पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत निम्न आय वाले देश से उच्च वाले देश की ओर कदम बढ़ा रहा है। ऐसे में इनोवेशन से जुड़ा सवाल भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अहमद ने कहा, ह्यमुङो लगता है कि हम अगले पांच साल में भारत में एक सिलिकॉन वैली विकसित कर सकते हैं। दुनिया बदल रही है और इस बदलती दुनिया में हमारे अंदर छलांग लगाने की क्षमता है। मेरा मानना है कि कंपनियों के आकार, उनकी क्षमता और इनोवेशन में मजबूत संबंध है। भारत में कंपनियां स्थिर बनी रह जाती हैं। इसलिए यहां इनोवेशन के क्षेत्र में बहुत काम किए जाने की जरूरत है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इनोवेशन के क्षेत्र में होने वाला ज्यादातर निवेश उल्लेखनीय तकनीकों को अपनाने या नए उत्पाद लाने की बजाय केवल प्रक्रियाओं या उत्पादों में निखार के लिए किया जाता है। ऐसा करने से निवेश का पूरा लाभ नहीं मिलता। कंपनियां अग्रिम मोर्चे पर शोध में बमुश्किल ही कदम रखती हैं।
कोई कंपनी या देश इनोवेशन में पैसा लगाए, लेकिन जरूरी तकनीक ना खरीदे, प्रशिक्षित कर्मचारियों व इंजीनियरों को नहीं रखे, तो उसे निवेश का पूरा फायदा नहीं मिल सकता। शोध एवं अनुसंधान पर निवेश का रिटर्न शुरूआत में ज्यादा दिखता है, लेकिन अन्य जरूरी मोर्चे पर कमी के चलते इसमें गिरावट आने लगती है।