भोपाल। एक तरफ शिवराज सरकार कर्मचारी हित में तरह-तरह की घोषणाएं कर चुनावी साल में कर्मचारियों को रिझाने के काम में जुटी है। तो दूसरी तरफ सालों से लंबित मांगों को लेकर कई तरह के कर्मचारी संगठन आंदोलन पर अडिग है।
प्रदेश सरकार की सेवानिवृत्ति आयु दो साल बढ़ाने के फैसले के बाद लग रहा था कि, नियमित कर्मचारियों के आंदोलन समाप्त हो जाएंगे, लेकिन प्रदेश 6 बड़े कर्मचारी संगठन लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ, मंत्रालयीन सचिवालयीन कर्मचारी संघ, मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, लघुवेतन कर्मचारी संघ, राजस्व कर्मचारी संघ एवं नगरपालिका कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों ने अपनी मांगों की पूर्ति के लिये तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने 12-13 अप्रैल को 2 दिवसीय सामूहिक अवकाश का एलान किया है।
अगर देखा जाए तो शिवराज कर्मचारियों को मनाने के लिए घोषणाएं तो कर देते हैं लेकिन उन घोषणाओं पर अमल कभी नहीं होता है और अब सरकार की नीति को कर्मचारी भी जानने लगे हैं, इसलिए कर्मचारी भी सीएम की घोषणाओं की तरफ ध्यान नहीं देते हैं।
मुख्य सचिव को सौंपा आंदोलन का नोटिस
प्रदेश सरकार की घोषणा के बाद भी कर्मचारी संगठन अपनी हड़ताल पर अडिग है। इस मामले में सभी 6 कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन का नोटिस 28 मार्च को मुख्य सचिव को सौंप दिया है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि, 17 जनवरी को सीएम हाउस में हुई चर्चा में मुख्यमंत्री ने दो माह में मांगों की पूर्ति का आश्वासन दिया था, उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। ऐसे में हम आंदोलन के लिए मजबूर हैं। इस बीच अगर सरकार वार्ता के लिए बुलाती है और हमारे हित में फैसला लेती है, तो हम आंदोलन वापस लेने पर विचार करेंगे।
’23 सूत्रीय सिफारिशों को सरकार करे लागू’
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि हमारी एक सूत्रीय मांग है कि, रमेशचंद्र शर्मा समिति की 23 सूत्रीय सिफारिशों को सरकार लागू करें। जिनमें प्रमुख रूप से लिपिक संवर्गों की वेतन विसंगति दूर करना, रमेश चन्द्र शर्मा समिति की अनुसंशाएं लागू करना, अर्जित अवकाश संग्रहण की सीमा 240 दिवस से बढ़ाकर 300 दिवस करना, भृत्य एवं जमादार का पदनाम परिवर्तन करना, मंत्रालयीन अनुभाग अधिकारी एवं निज सचिव का वेतन पुनरीक्षण करना, पेंशनरों को सातवे वेतनमान का लाभ देने के साथ दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों और संविदा कर्मचारियों का नियमितिकरण करना है।
’28 मार्च को लगाया हड़ताल का नोटिस’
इस बीच सरकार के सेवानिवृत्ति आयु दो साल बढ़ाने के फैसले के बाद खबरें आयी थी कि, 12-13 अप्रैल की सरकार कर्मचारी संगठनों ने वापस ले ली है, तो इस मामले में मंत्रालयीन सचिवालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक का कहना है कि, हमने हड़ताल का नोटिस 28 मार्च को लगा दिया है। हमारी हड़ताल यथावत है। हमारी हड़ताल का सेवा निवृत्ति की आयु विस्तारित करने से कोई संबंध नहीं है। कुछ विघ्नसंतोषी लोग इस संबंध में असमंजस फैला रहे हैं।