अमेरिका के बदले सुर, कहा एंटी-सैटेलाइट परीक्षण का मलबा अतंरिक्ष में अपने आप जल जाएगा

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नई दिल्ली। भारत के ए-सैट (मिशन शक्ति) अभियान को सोमवार को जहां नासा ने बहुत भयानक बताते हुए इन मलबों के कारण होने वाले खतरों से अवगत कराया था। वहीं अब अमेरिका के सुर बदल गए हैं। उसका कहना है कि भारत का मलबा अतंरिक्ष में अपने आप जल जाएगा। पेंटागन ने गुरुवार को कहा कि वह अपने पूर्ववर्ती आकलन पर खड़ा है कि भारत का एंटी-सैटेलाइट मलबा अतंरिक्ष में जल जाएगा। बता दें कि भारत ने हाल ही में एक स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्टर के जरिए अपनी ही मिसाइल को 300 किलोमीटर (186 मील) की ऊंचाई पर मार गिराया था।
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इस परीक्षण से भारत ने अंतरिक्ष में ताकत के रूप में खुद को स्थापित करने का काम किया था। नासा के मुखिया जिम ब्रिडेनस्टाइन ने सोमवार को कहा था कि मिशन शक्ति के कारण अंतरिक्ष की कक्षा में मलबे के करीब 400 टुकड़े फैल गए हैं। भारत के इस कदम से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों के लिए नया खतरा पैदा हो गया है।

ब्रिडेनस्टाइन से उलट अमेरिका के कार्यकारी रक्षा सचिव पैट्रिक शनाहन ने 28 मार्च को मलबे से होने वाले खतरों को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि मलबा अपने आप वातावरण में ही जल जाएगा। गुरुवार के पेंटागन शनाहन के पूर्व में दिए आकलन के साथ खड़ा दिखाई दिया।

2007 में चीन ने अपने पोलर आॅर्बिट पर मौजूद एक सैटेलाइट को नष्ट कर दिया था। जिसके कारण इतिहास में अब तक के सबसे बड़े मलबे अतंरिक्ष में दिखे थे। सिक्योर वर्ल्ड फाउंडेशन के अनुसार अंतरिक्ष में 3,000 से ज्यादा बड़े टुकड़े थे। भारत के उच्च रक्षा वैज्ञानिक का कहना है कि मलबा 45 दिनों में जल जाएगा।

व्हाइट हाउस ने चेतावनी भरे लहजे में गुरुवार को कहा कि वह मलबे के खतरों को कम करने की कोशिश को लेकर दिए भारत सरकार के बयानों से अवगत है। नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता गैरेट मार्किस ने कहा, ‘हम भारत के एसैट परीक्षण के शेष मलबे की बारीकी से निगरानी करना जारी रखेंगे ताकि आईएसएस के आॅर्बिट और मानव अंतरिक्षयात्रियों की गतिविधियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।’