नई दिल्ली। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य निसार अहमद तांत्रे ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वह 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) पर हुए आत्मघाती हमले के बारे में पहले से जानता था।
तांत्रे का कहना है कि उसे इस हमले की जानकारी इसलिए थी क्योंकि हमले के मुख्य साजिशकर्ता मुदस्सिर खान ने उसे भी इस हमले को अंजाम देने में शामिल होने को कहा था। हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने कराया था। ये जानकारी तांत्रे की पूछताछ में शामिल एक अधिकारी ने दी है।
बता दें तांत्रे को करीब एक हफ्ते पहले ही यूएई ने भारत को सौंपा है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जैश के इस आतंकी ने पुष्टि की है कि हमला जैश के आदेश पर किया गया था। और खान ही वो व्यक्ति है जिसने हमले का नेतृत्व कर इसे अंजाम दिया। तांत्रे के द्वारा किए गए खुलासे से पहले भारतीय जांच एजेंसियां खुफिया जानकारी और जैश के निचले स्तर के आतंकियों से पूछताछ पर ही निर्भर थीं।
तांत्रे जैश के मारे गए आतंकी नूर अहमद का भाई है। वह इसी साल एक फरवरी को भारत से भाग गया था। पहचान ना बताने की शर्त पर खुफिया ब्यूरो के अधिकारी ने कहा है कि कश्मीर घाटी में जैश के कार्यकतार्ओं पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव है।
जैश का यह आतंकी जम्मू-कश्मीर के लेथपोरा स्थित सीआरपीएफ कैंप पर दिसंबर 2017 में हमले का मुख्य साजिशकर्ता है। 30-31 दिसंबर, 2017 की रात हुए इस आतंकी हमले में पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।
तांंत्रे ने पूछताछ में कहा कि खान ने उसे सोशल मीडिया एप की सहायता से काफिले पर हमले की योजना के बारे में बताया था। खान ने उससे कहा था कि फरवरी के मध्य में वह पुलवामा में ही कहीं भारी विस्फोटकों से हमला करने वाला है। खान ने तांत्रे से योजना बनाने और आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए मदद मांगी थी। तांत्रे घाटी में जैश का सीनियर कमांडर रह चुका है।
हालांकि तांत्रे ने पुलवामा हमले में शामिल होने की बात से साफ इनकार कर दिया है। बता दें इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। बाद में पाकिस्तान के आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली। जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया। तांत्रे का कहना है कि जब दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हुई थी, तब वह दुबई में था।
एनआईए के अधिकारी ने कहा, “निसार तांत्रे कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद का सीनियर कार्यकर्ता है। उसके स्तर के कमांडरों को सभी योजनाओं के बारे में पता होता है, विशेष रूप से पुलवामा जैसे हमले के बारे में, जिसकी योजना बनाने में महीनों का समय लगा।
हम हमले में उसकी भूमिका को लेकर पूछताछ कर रहे हैं क्योंकि उसके यूएई जाने का समय संदिग्ध है। हो सकता है कि उसने पुलवामा हमले में सक्रिय भाग लिया हो और पकड़े जाने के डर से 14 फरवरी से दो हफ्ते पहले यूएई भाग गया हो।”