भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा पाने वाले पांच संतों में से एक उदय सिंह देशमुख (भय्यू महाराज) ने इशारों-इशारों में पद स्वीकारने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब कोई पद अंतरमन, बुद्घि और विवेक को ही स्पर्श नहीं करता तो उस पद का विचार ही क्यों करना। ज्य सरकार ने नर्मदा नदी के संरक्षण और पौधारोपण के लिए जनजागृति लाने वाले पांच संतों की विशेष समिति बनाई है।
इस समिति के सभी सदस्यों को राज्यमंत्री का दर्जा देने का ऐलान किया गया है। कुछ संत तो इससे खुश हैं, मगर भय्यू महाराज (50) ने साफ कर दिया है कि वह न तो किसी कार्यक्रम में शामिल होंगे और न ही मंच साझा करेंगे। राज्य सरकार द्वारा समिति का सदस्य और राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने के बाद भय्यू महाराज ने कहा, ‘संत के लिए पद का कोई महत्व नहीं है, बस उसके भीतर सेवा का भाव होना चाहिए।
सरकार ने हमारे सामाजिक कार्यों को स्वीकारते हुए सम्मान दिया है, यह हम मानते हैं। हमने किसान, जल संरक्षण, पौधारोपण के लिए काम किया, कृषि केंद्रों का निर्माण किया। इन कार्यों को सरकार ने संज्ञान में लिया है।’
‘न किसी मंच पर जाऊंगा, न किसी कार्यक्रम में हिस्सा लूंगा’
सरकार के फैसले से सहमत या असहमत होने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘हम संत हैं, हमारे अंतरमन, विवेक और बुद्घि को पद स्पर्श ही नहीं करता तो उसका विचार ही क्यों करना। उन्होंने हमें सम्मान दिया, हमें किसी के निरादर का हक भी नहीं है। संत किसी को दुखी भी नहीं करता। इतना तय है कि मैं न तो किसी मंच पर जाऊंगा और न ही किसी कार्यक्रम में हिस्सा लूंगा। कोई किसान, जल संरक्षण, पौधारोपण के लिए परामर्श मांगेगा, तो उसके लिए मैं सदैव तैयार हूं।’
‘किसी तरह केविवाद में नहीं पड़ना चाहता’
राष्ट्रीय संत के तौर पर पहचाने जाने वाले भय्यू महाराज ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि उनका न किसी राजनीतिक दल और जाति से लगाव नहीं है, उनका जोर सिर्फ राष्ट्रवाद पर है। ‘धर्म व्यवस्था का उपयोग समाज के लिए करता हूं। इसके साथ ही किसी भी तरह के विवाद में नहीं पड़ना चाहता, खुद को हमेशा विवादों से दूर रखा है।’
ज्ञात हो कि मंगलवार को राज्य शासन ने प्रदेश के विभिन्न चिह्नित क्षेत्रों, विशेष रूप से नर्मदा के किनारे वृक्षारोपण, जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति निरंतर जन-जागरूकता अभियान चलाने के लिए विशेष समिति गठित की। इस समिति में बतौर सदस्य नर्मदानन्द, हरिहरानन्द, कम्प्यूटर बाबा, भय्यू महाराज और पंडित योगेन्द्र महंत को शामिल किया गया है। सभी सदस्यों को राज्य मंत्री का दर्जा मिलेगा।
कपड़ा निमार्ता कंपनी के मॉडल से समाज सेवी बने भय्यू महाराज की पहचान गृहस्थ राष्ट्र संत की है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का करीबी माना जाता है।