भाजपा को लग सकता है एक और झटका, सीधी के पूर्व सांसद गोविंद मिश्रा दे सकते है इस्तीफा

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भोपाल। लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए अपनों की नाराजगी मुश्किलें बढ़ा रही हैे विधानसभा चुनाव में बागी और नाराज नेताओं की नाराजगी का खामियाजा भुगत चुकी भाजपा में एक बार फिर दिग्गज नेताओं के बगावती तेवर देखने को मिल रहे हैें मंगलवार को बीजेपी को दो बड़े झटके लगे टीकमगढ़ में केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार को टिकट देने का विरोध करने वाले भाजपा के पूर्व विधायक आरडी प्रजापति समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। वहीं बालाघाट में वर्तमन भाजपा सांसद बोधसिंह भगत ने पार्टी से इस्तीफा देकर निर्दलीय नामांकन भर दिया है। भगत इस सीट से ढाल सिंह बिसेन को प्रत्याशी बनाने से नाराज हैं। वहीं अब सीधी में प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद से ही उठ रहे विरोध के बाद अब एक पूर्व सांसद के पार्टी छोड़ने के कयास लगाए जा रहे हैें

सीधी के पूर्व सांसद गोविंद मिश्रा आज बीजेपी से इस्तीफा दे सकते हैें वे सीधी से रीति पाठक को टिकट दिए जाने के विरोध में हैे उन्होंने कहा कि अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया है, लेकिन मन दुखी है। उन्होंने कहा है कि बुधवार को वे भोपाल से सीधी पहुंच रहे हैें उनके साथी भी आ रहे हैं, उनसे चर्चा के बाद कुछ बड़ा फैसला लूँगो बता दें कि मिश्रा ने हाल ही में मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की थीे जिसके चलते उनके पार्टी छोड़ने के कयास लगाए जा रहे हैें वहीं मिश्रा के पार्टी छोड़ने की चर्चा सियासी गलियारों में तेज हो गई हैे

बता दें कि पूर्व सांसद गोविंद मिश्रा को 1989 में रीवा की एक आम सभा में बीजेपी केवरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता दिलाई थी । मिश्र को 1992 में मध्यप्रदेश के उर्जा विकास निगम का चेयरमैन बनाया गया था, फिर दिसम्बर 1993 में चुरहट से विधायक भी चुने गये थे, इसके बाद बीजेपी ने उन्हें 2004 -2005 के दौरान सीधी जिले का अध्यक्ष बनाया । नये परिसीमन के बाद मई 2009 से मई २०१४ गोविन्द मिश्रा सीधी लोकसभा के सांसद भी रहे हैं ।