मुंबई. जेट एयरवेज ने गुरुवार रात को अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी हैं। एयरलाइंस ने इसके पीछे संचालन समस्याओं का हवाला दिया है। इसके अलावा 10 और विमानों को वेतन समस्या के चलते फिलहाल सेवा से हटा दिया गया है। इस तरह से जेट अब तक 79 विमानों को सेवा से हटा चुकी है।
जेट के कर्जदाता बैंकों की तरफ से एसबीआई कैपिटल ने जेट एयरवेज के 31% से 75% तक शेयर बेचने के लिए बोलियां मांगी हैं। न्यूज एजेंसी को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल एयरलाइन में हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली लगा सकते हैं। बिडिंग की शर्तों के मुताबिक, गोयल को इसकी इजाजत होगी।
शुरुआती बोली की समय सीमा बढ़ाकर 12 अप्रैल की गई
- एसबीआई कैपिटल ने 8 अप्रैल को बोली प्रक्रिया शुरू की थी। बुधवार को इसकी समय सीमा 10 अप्रैल से बढ़ाकर 12 कर दी गई। निवेशकों को अभी सिर्फ रुचि पत्र (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) जमा करना है। इसमें जिन्हें चुना जाएगा वे आगे बोली लगाएंगे। बैंकों के मुताबिक वित्तीय बोली लगाने की अंतिम समय सीमा 30 अप्रैल ही रहेगी।
- नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल ने 25 मार्च को जेट एयरवेज को बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने जेट में अपनी हिस्सेदारी भी घटा दी थी। गोयल अपने 51% शेयरों में से 26.01% पीएनबी के पास गिरवी रख चुके हैं। 8,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज में फंसी जेट एयरवेज के रेजोल्यूशन प्लान के तहत ऐसा किया गया था।
- एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्शियम ने कहा था कि वो एयरलाइन में 50.1% हिस्सेदारी लेंगे। इसके बाद जेट को 1,500 करोड़ रुपए देंगे। हालांकि, एयरलाइन को अभी तक यह रकम नहीं मिल पाई है।
- एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने उस वक्त कहा था कि एयरलाइन में शेयर खरीदने के लिए किसी को बिडिंग से रोका नहीं जाएगा। बोली लगाने वाला कोई फाइनेंशियल इन्वेस्टर हो सकता है, कोई एयरलाइन हो सकती है। नरेश गोयल खुद या जेट एयरवेज की पार्टनर एतिहाद भी बोली में शामिल हो सकती है।