मुस्लिम मुझे वोट नहीं देते हैं तो मैं उन्हें नौकरी नहीं दे सकूंगी: मेनका गांधी

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लखनऊ। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को सुल्तानपुर (उत्तरप्रदेश) के तुरब खानी गांव में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यदि मुस्लिम मुझे वोट नहीं देते हैं तो मैं उन्हें नौकरी नहीं दे सकूंगी। मुझे यह बिल्कुल अच्छा नहीं लगेगा कि मैं मुस्लिमों के सहयोग के बिना यह चुनाव जीत लूं। कांग्रेस ने इस बयान को अपमानजनक बताया है।

गांधी ने कहा- नौकरी एक तरह की डील

  1. गांधी ने कहा, ”ऐसा होने पर मेरी भावनाओं को ठेस पहुंचती है। फिर यदि मुस्लिम मेरे पास आकर काम मांगते हैं तो मैं इस बारे में सोचूंगी। इससे क्या फर्क पड़ता है? दिल खट्टा हो जाएगा। कुल मिलाकर यह नौकरी एक तरह की डील है।”
  2. गांधी ने स्पष्ट किया कि यदि मुस्लिम उन्हें वोट नहीं देते हैं तो उन्हें नौकरी की उम्मीद नहीं करना चाहिए। हमारा यह संबंध आपसी तालमेल पर आधारित है।
  3. गांधी ने कहा, ”हम महात्मा गांधी के बच्चे नहीं हैं। ऐसा नहीं होगा कि आपका सहयोग मिले बिना मैं आपको लगातार सहयोग करती रहूंगी। मैं कोई भेदभाव नहीं रखती। मैं केवल दुख-दर्द और प्यार देखती हूं। यह आप पर है।”
  4. गांधी ने कहा, ”मैं पहले ही चुनाव जीत चुकी हूं। मगर आपको मेरी जरूरत होगी। ऐसे में आपके पास मौका है नींव रखने का। जब चुनाव होगा तो इस बूथ से 100 वोट मिलेंगे या 50? इसके बाद आप मेरे पास रोजगार के लिए आएंगे तो हम देखेंगे…?”
  5. मेनका ने कहा, ”आप पीलीभीत में किसी से भी पूछ सकते हैं कि मैंने किस तरह का काम वहां किया है। यदि आपको फिर भी लगता है कि मैंने पर्याप्त काम नहीं किया है तो आपको तय करना है कि मुझे वोट देना है या नहीं?”