देश की बुनियादी समस्याएं और बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दे राष्ट्रवाद के शोर में हो गए दफन

0
943

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले का बदला भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक करके लिया और उसके बाद भारतीय सीमा में घुसे पाकिस्तान के एक एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराने का दावा किया। घटना में विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान सेना के हाथ लग गए जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया। इस सारे घटनाक्रम का श्रेय लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा ने राष्ट्रवाद का आंचल ओढ़ लिया। लोकसभा चुनाव आए तो प्रचार में देश की बुनियादी समस्याएं और बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दे ही राष्ट्रवाद के शोर में दफन हो गए। राष्ट्रवाद के नाम पर चुनाव प्रचार में सेना के नाम का इस्तेमाल भी होने लगा है।

भाजपा ने ऐसे जोड़ दिया बेरोजगारी का मुद्दा राष्ट्रवाद के साथ
भाजपा के संकल्प पत्र पर गौर करें तो उसमें रोजगार मुहैया करवाने का जिक्र है जैसे- ह्यरक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेंगे तो रोजगार बढ़ेगा। और घुसपैठियों के कारण स्थानीय लोगों का रोजगार छिना इसलिए घुसपैठ रोकेंगे। यानी भाजपा ने बेरोजगारी का मुद्दा राष्ट्रवाद के साथ बड़ी ही सूझबूझ से जोड़ लिया।

20 वर्षों में बेरोजगारी दर सबसे अधिक
अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के स्कूल आॅफ लिबरल स्टडीज ह्यस्टेट आॅफ वर्किंग इंडिया-2018 की बेरोजगारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कई सालों तक बेरोजगारी दर 2 से 3 प्रतिशत के आसपास रहने के बाद साल 2015 में 5 प्रतिशत पर पहुंच गई। इसके साथ ही युवाओं में बेरोजगारी की दर 16 प्रतिशत तक पहुंच गई है। यह रिपोर्ट श्रम ब्यूरो के पांचवें वार्षिक रोजगार-बेरोजगारी सर्वेक्षण (2015-16) के आंकड़ों पर आधारित है। इसमें कहा गया है कि जीडीपी में 10 प्रतिशत की वृद्धि के परिणामस्वरूप रोजगार में एक प्रतिशत से भी कम की वृद्धि हुई है। 2015 में बेरोजगारी दर 5 प्रतिशत थी जो पिछले 20 वर्षों में सबसे ज्यादा है। इसके अलावा कई दूसरे सर्वे भी यही बताते आए हैं कि देश में बेरोजगारी दर पिछले 2 दशक में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है लेकिन मोदी सरकार को सरकारी आंकड़े सार्वजनिक करना गंवारा ही नहीं।

ऐसे तलाशेंगे निजी क्षेत्र में रोजगार के विकल्प
भाजपा क्योंकि राष्ट्रवाद और सेना के पराक्रम पर लोगों का ध्यान केंद्रित कर रही है, इस बीच कहीं कापोर्रेट्स की अनदेखी न हो जाए इसलिए संकल्प पत्र में रोजगार को ऐसे जोड़ा, पीपीपी से रोजगार बढ़ाएंगे। संकल्प पत्र में यह कहा गया कि अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए 22 सैक्टरों की पहचान करेंगे जिससे रोजगार भी बढ़ेगा।