इंदौर लोकसभा सीट से रेस में सबसे आगे शंकर ललवानी का नाम, विजयवर्गीय ने चुनाव लड़ने से किया इंकार

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इंदौर। लोकसभा सीट पर उम्मीदवार को लेकर भाजपा अब भी किसी निर्णायक स्थिति में नहीं पहुंच सकी है। उधर पश्चिम बंगाल प्रभारी और पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने लोकसभा चुनाव न लड़ने की घोषणा की है।
ताई सुमित्रा महाजन को टिकट न देने की चर्चा के बाद इस सीट से कई दावेदार सामने आए हैं। लेकिन, पार्टी तीन नामों पर चर्चा कर रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इन तीनों में से किसी एक को उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

इंदौर में प्रत्याशी तय करने से पहले भाजपा नेतृत्व एक बार फिर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से बात करेगा। यहां से शंकर ललवानी, भंवर सिंह शेखावत और गोपीकृष्ण नेमा के बीच मुकाबला चल रहा है। हालांकि इस रेस में शंकर ललवानी आगे बताए जा रहे हैं।
इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने “पीटीआई-भाषा” को दिये साक्षात्कार में कहा था, “राजनीति से सरकारी नौकरी की बिल्कुल भी तुलना नहीं की जा सकती। सरकारी नौकरी में सेवानिवृत्ति की उम्र पहले से तय होती है। लेकिन राजनीति में ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि आम जनता के दु:ख-सुख से सीधे जुड़े राजनेता न तो घड़ी देखकर काम करते हैं, न ही वे बंधा-बंधाया जीवन जीते हैं।”

उन्होंने इस साक्षात्कार में याद दिलाया, “मोरारजी देसाई अपनी उम्र के 81वें साल में देश के प्रधानमंत्री बने थे।” इंदौर से वर्ष 1989 से लगातार आठ बार चुनाव जीतने वाली महाजन को मध्यप्रदेश की इस सीट से भाजपा के टिकट का शीर्ष दावेदार माना जा रहा था। इससे पहले, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक पत्रिका को दिये गए साक्षात्कार में कहा था कि यह उनकी पार्टी का फैसला है कि 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया जायेगा।