नई दिल्ली। पूर्व चुनाव आयुक्त शाहबुद्दीन याकूब कुरैशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलिकॉप्टर की जांच करने वाले अधिकारी को आयोग द्वारा निलंबित करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। पीएम मोदी और चुनाव आयोग पर खीझ व्यक्त करते हुए कहा है कि दोनों के पास अपनी छवि सुधारने का एक मौका था जिससे कि वह चूक गए। अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए उन्होंने प्रतिक्रिया दी है। अपने ट्वीट में कुरैशी ने लिखा, ‘आयोग ने छवि सुधारने का मौका खो दिया। ओडिशा में सामान्य पर्यवेक्षक के तौर पर तैनात आईएएस अधिकारी को प्रधानमंत्री मोदी के हेलिकॉप्टर की जांच करने की वजह से निलंबित किया जाना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि आयोग की छवि को सुधारने के मौके से चूकना भी है। दोनों ही जनता के स्कैनर पर रहते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री लगातार आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं और आयोग लगातार उसकी अनदेखी कर रहा है। प्रधानमंत्री के हेलिकॉप्टर की तलाशी यह दिखाने का एक अवसर था कि कानून सभी के लिए बराबर है। एक झटके में दोनों की आलोचनाएं खत्म हो जाती। दुर्भाग्य से दोनों ने अलग ही रास्ता चुना। उनकी आलोचना अब पहले के मुकाबले काफी ज्यादा बढ़ जाएगी।’
कुरैशी ने कहा, ‘इसके विपरीत मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के चॉपर की उनकी आंखों के सामने तलाशी ली गई, जिसने उनका कद बढ़ाया। हमें अपने नेताओं में इस तरह के स्टेट्समैन जैसे रवैये की जरूरत है। मिस्टर पटनायक को सलाम।’ बता दें कि 1996 बैच और कर्नाटक काडर के आईएएस अफसर मोहम्मद मोहसिन को चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री के हेलिकॉप्टर की जांच करने की वजह से निलंबित कर दिया था। मोहसिन ने प्रधानमंत्री मोदी के काफिले के एक वाहन की जांच की थी। इस जांच की वजह से प्रधानमंत्री को 15 मिनट तक इंतजार करना पड़ा था, जिसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय ने चुनाव आयोग से की थी। इस पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने उन्हें दिशा-निदेर्शों का उल्लंघन करने की वजह से निलंबित कर दिया था। इससे पहले मोहसिन ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के हेलिकॉप्टर की भी तलाशी कर चुके हैं।