प्रयागराज
68500 सहायक अध्यापक भर्ती में हाईकोर्ट ने गैर राज्यों के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने सहायक अध्यापक नियुक्ति होने के लिए पांच वर्ष से उत्तर प्रदेश में निवास करने की अनिवार्यता संबंधी शासनादेश रद्द कर दिया है।
गैर राज्यों के अभ्यर्थियों को भी सहायक अध्यापक भर्ती की काउंसलिंग में शामिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस शासनादेश के संबंधित प्रस्तर दो को असंवैधानिक घोषित कर दिया है। प्रदेश सरकार ने आठ अगस्त 2018 को शासनादेश जारी कर शर्त लगाई थी कि उन्हीं अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति दी जाएगी जो न्यूनतम पांच वर्षों से उत्तर प्रदेश में निवास कर रहे हैं।
इस आदेश से 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में गैर राज्यों के अभ्यर्थी भी चयन पा सकेंगे। हरियाणा, दिल्ली सहित अन्य राज्यों के निवासी मनीष कुमार सहित अन्य की याचिकाओं पर न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने सुनवाई की।
याचीगण की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एएन त्रिपाठी ने दलील दी कि संविधान के अनुच्छेद 16(3) में वर्ण, जाति, धर्म, निवास स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभेद नहीं किया जा सकता है। आवश्यकता होने पर संसद को कानून बनाने का अधिकार है। राज्य सरकार को ऐसा कोई नियम बनाने का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है।