गरीब बस्ती में रहने वाले विवेक ने किया माता-पिता का नाम रोशन, वैज्ञानिक के पद पर हुई नियुक्ति

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उज्जैन

मध्य प्रदेश के उज्जैन के नीलगंगा क्षेत्र के एक गरीब बस्ती में रहने वाला लड़का विवेक अब वैज्ञानिक बन गया है। भारत सरकार के राष्ट्रीय सूचना एवं विज्ञान केंद्र में विवेक की नियुक्ति हुई है। विवेक के पिता एक पॉवरलूम चलाने वाले मजदूर हैं तो मां डिंपल प्राइवेट स्कूल में शिक्षिका हैं।

नीलगंगा क्षेत्र के राजेंद्र नगर इलाके से वैज्ञानिक बनने वाला विवेक की प्रारंभिक शिक्षा उज्जैन में ही हुई। विवेक जिस जगह पर रहता है वहां पर शिक्षा का स्तर औसत से भी कम है। विवेक का कहना है कि मुझे भगवान में काफी आस्था है। बचपन में अपनी मां को पूजा-पाठ करते देख मेरी भी भगवान में आस्था जगी। विवेक ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता को दिया। उसने कहा कि मैं खासकर अपनी मां को इसका क्रेडिट देना चाहता हूं।

सफलता के लिए रोजाना 7 से 8 घंटे पढ़ाई की
विवेक के मुताबिक वह रोजाना 7 से 8 घंटे की पढ़ाई करता था। उसने बताया कि यह नौकरी मेरे पहले ही प्रयास में हाथ लगी है। विवेक के मुताबिक पहली से 12वीं तक की पढ़ाई उज्जैन में की। इसके बाद इंदौर में देवी अहिल्या विवि से बी-टेक किया और आईआईटी दिल्ली से एमटेक के बाद उज्जैन आया।

तीन साल तक यहीं रहकर एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर की नौकरी की। इसी के साथ साइंटिफिक टेक्निकल असिस्टेंट और नेशनल इंस्टिट्यूट आॅफ इलेक्ट्रॉनिक एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी 2017 की राष्ट्रीय परीक्षाएं पास करने के बाद पहले रायपुर में असिस्टेंट के रूप में पदस्थ हुए। इसके बाद भोपाल स्थित राष्ट्रीय सूचना एवं विज्ञान केंद्र में साइंटिस्ट बी के पद पर नियुक्ति हुई।