देहरादून
बदरीनाथ मंदिर में पूजा के बाद प्रधानमंत्री सिंह द्वार से बाहर आए। बीकेटीसी ने पीएम को बदरीनाथ का प्रतीक चिह्न और चौलाई के लड्डू भेंट किए। बदरीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चन्द्र उनियाल ने उन्हें शॉल भेंट किया। दर्शन के बाद पीएम मोदी फिर गुजरात भवन में पहुंचे। उनकी यात्रा के मद्देनजर मंदिर परिसर को जीरो जोन में रखा गया है। यात्रियों को साकेत तिराहा पर ही रोका गया है।
केदारनाथ मंदिर में पूजा के बाद वह मीडिया से मुखाबित हुए। उन्होंने कहा कि मैं इलेक्शन कमिशन का आभार मानता हूं कि ये दो दिन मुझे मिले। मेरा सौभाग्य है कि इस आध्यात्मिक भूमि पर आने का मुझे वर्षों से मौका मिलता रहा है। कहा कि मैं भगवान से कभी मांगता नहीं हूं। मांगना मेरी प्रवृति नहीं है। भगवान ने तो मांगने नहीं, देने योग्य बनाया है। गुजरात में रहते हुए अपनी तरह से प्रयत्न करता रहता था। लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद सौभाग्य से यहां भी भाजपा की सरकार बनी। केदारनाथ की परिस्थितियां बेदह प्रतिकूल है। मास्टर प्लान के आधार पर केदारनाथ में पुनर्निर्माण किया जा रहा है। कहा कि कल मैं ध्यान गुफा में चला गया था। वह ऐसी गुफा है जहां से हर समय बाबा के दर्शन होते रहते हैं। मैंने वहां से भी बाबा के दर्शन किए। एक प्रकार से मैं वर्तमान भारत के वातावरण से पूरी तरह बाहर था।
उन्होंने कहा कि इस दौरे से उत्तराखंड और केदारनाथ के पर्यटन को फायदा मिलेगा। लोगों को यह संदेश मिलेगा कि केदारनाथ यात्रा सुरक्षित है और पहले से अधिक सुविधाएं यहां हैं। लोग यह सोचेंगे की छुट्टी में सिंगापुर न जाकर केदारनाथ चलते हैं। यहां के विकास मिशन में प्रकृति, पर्यावरण और पर्यटन शामिल हैं। इस दौरान वहां मोदी-मोदी के नारे लगने शुरू हो गए। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर हर महादेव और भारत माता की जय का जयकारा लगाया और सुरक्षा घेरा तोड़कर वह धाम में मौजूद लोगों से मिले। इस दौरान उन्होंने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।