रायपुर। आयकर विभाग ने छह साल पहले के रिटर्न में गड़बड़ी पर जिन 15 हजार लोगों को नोटिस दिया है, उनमें से आधे लोग ऐसे हैं जिन्होंने डेढ़ साल पहले नोटबंदी के दौरान अचानक जबर्दस्त ट्रांजेक्शन किया। नोटबंदी के दौरान धनवान हुए लोगों और उन्हें धनवान बनाने वाले लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जिन्हें नोटिस दिया गया है, वे लोग 30 दिनों के अंदर फिर से रिटर्न फाइल नहीं करेंगे तो उन्हें पेनाल्टी के साथ सजा भी हो सकती है। ताया जा रहा है नोटिस बीते 31 मार्च तक दे दिया गया था। ऐसे लोगों के पास दोबारा रिटर्न फाइल करने के लिए केवल 30 अप्रैल तक का समय है। कर विशेषज्ञों का कहना है कि आयकर विभाग कालेधन वालों पर और शिकंजा कसना चाहता है।
जिन लोगों को नोटिस दिया गया है, उनमे ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने अपने सेविंग अकाउंट में 10 लाख से ज्यादा जमा किए या करंट अकाउंट से 50 लाख तक निकाले। ऐसे लोगों को हिसाब तैयार रखना चाहिए। प्रॉपर्टी बेचने और खरीदने में कितना मुनाफा कमाया इसका भी हिसाब रखना चाहिए, अन्यथा पेनाल्टी लगेगी। मान लीजिए छह साल पहले 35 लाख की प्रॉपर्टी आपने खरीदी, जिसका आप स्रोत नहीं बता पा रहे हैं। इस पर आपको 10 लाख 50 हजार टैक्स, छह साल में तीन फीसद ब्याज की दर से एक लाख 89 हजार तथा कम से कम 10.50 लाख तक पेनाल्टी देनी पड़ेगी।
मालामाल हुए भगवान के ठिकानों को भी भेजा जाएगा नोटिस
विभागीय सूत्रों का कहना है कि बीते साल से आयकर की नजर में मंदिर, मस्जिद, गुुरुद्वारे, चर्च सहित सभी प्रकार के ट्रस्ट व सामाजिक संस्थाएं हैं। आने वाले कुछ दिनों में अचानक ही मालामाल हुए ऐसे भगवान के द्वार पर भी आयकर का शिकंजा कस सकता है, क्योंकि नियमानुसार अब दस हजार से ज्यादा का नकद दान धार्मिक संस्थाएं नहीं ले सकतीं।