पीएम के इन भाषणों से बदला जनता का रुख, 86 सीटों पर भाजपा को मिला फायदा

0
429

नई दिल्ली

17वीं लोकसभा के नतीजे सामने आ चुके हैं और देश की जनता ने एक बार फिर से मोदी सरकार में भरोसा जताया है। उन्हें प्रचंड बहुमत के साथ संसद भवन पहुंचा दिया है। 2019 में मिले जनादेश की यदि 2014 से तुलना की जाए तो इस बार एनडीए को पहले से ज्यादा सीटे मिली हैं। इतना ही नहीं आठ राज्य ऐसे रहे हैं जहां सारी सीटें भाजपा के खाते में चली गईं। कई राज्यों में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला। शुरूआत में जहां सत्ता विरोधी लहर चल रही थी वहीं नतीजे उसके उलट हैं। आज हम आपको बताते हैं कि आखिर किन बयानों ने मोदी को सत्ता तक पहुंचाने में मदद की है।

वर्धा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अप्रैल को कहा कि राहुल ने हिंदुओं को आतंकवाद से जोड़ा है। जहां हिंदू ज्यादा हैं वहां से नहीं लड़ रहे। उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि राहुल गांधी ने केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ा जो मुस्लिम-ईसाई बहुल है। वहीं वर्धा हिंदू बहुल क्षेत्र है। इसका नतीजा यह हुआ कि महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन 48 में से 41 सीट पर आगे रहा। वहीं गांधी वायनाड से चार लाख वोटों से जीते हैं।

तीन अप्रैल को राहुल ने असम में कहा कि भाजपा आई तो नागरिकता संशोधन विधेयक खत्म करेगी। संघ लोगों पर अपनी विचारधारा थोप रहा है। उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि राज्य में 25 फीसदी मुस्लिम और 50 फीसदी असमी बोलने वाले लोग हैं। इन्हें ध्यान में रखकर भाजपा पर निशाना साधा गया। इसका नतीजा यह हुआ कि भाजपा को 14 में से नौ सीटें मिलीं लेकिन कांग्रेस को केवल तीन से संतोष करना पड़ा।

12 अप्रैल को रात 11:15 बजे राहुल सिखों के सबसे बड़े तीर्थस्थल स्वर्ण मंदिर पहुंचे। वह दरवाजे पर माथा टेककर चले गए। दरअसल, राहुल यहां जलियांवाला बाग नरसंहार के 100 वर्ष पूरे होने पर आए थे। माना जा रहा था कि इससे राज्य में कांग्रेस को बढ़त मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसका नतीजा यह हुआ कि राज्य की 13 में से आठ सीटें कांग्रेस को मिलीं। वहीं भाजपा और शिरोमणि अकाली दल को दो-दो सीटों पर जीत मिली।

नौ अप्रैल को उत्तर प्रदेश के मेरठ में योगी ने कहा कि यदि सपा-बसपा-कांग्रेस को अली पर भरोसा है तो हमें बजरंगरबली पर भरोसा है। उन्होंने ऐसा ध्रुवीकरण करने और मायावती को जवाब देने के लिए कहा। इसके परिणामस्वरूप भाजपा को यहां 62 सीटों पर जीत मिली है वहीं महागठबंधन के खाते में केवल आठ सीटे गई हैं।

पश्चिम बंगाल में छह मई को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दीदी जय श्रीराम बोलने वालों को जेल भेज देती हैं। शाह ने भी राज्य में जय श्रीराम के नारे लगाए। दोनों ने ऐसा हिंदू वोट को एक तरफ करने के लिए कहा। इसका नतीजा यह हुआ कि भाजपा को हिंदू और हिंदी भाषियों के वोट मिले। पहली बार भाजपा को यहां 18 सीटों पर जीत मिली है।