खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का दावा पीएम मोदी की दोबारा सत्ता में वापसी से खौफ में है दाऊद

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इस्लामाबाद

खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का दावा है कि पिछले दो दशकों से पाकिस्तान में छिपा हुआ अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ता में वापसी के बाद बहुत डरा हुआ है। सूत्रों ने कहा कि दाऊद और उसके सहयोगियों के खिलाफ 2014 के बाद मोदी सरकार द्वारा की गई कार्रवाई ने उसे छिपने के लिए मजबूर कर दिया है। वह लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा की हार के बाद फिर से ‘अच्छा समय’ आने की उम्मीद कर रहा था।

यह पता चला है कि मोदी की ऐतिहासिक जीत के बाद दाऊद परेशान हो गया है और उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाया। गुरुवार को लोकसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के तुरंत बाद भगोड़े डॉन ने आईएसआई के अधिकारियों को फोन किया था।

सूत्रों ने कहा कि आईएसआई और पाकिस्तान सेना के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान, दाऊद ने पीएम मोदी की बढ़ती लोकप्रियता और अमेरिका व इजरायल के साथ उनके बढ़ते संबंधों पर चिंता जाहिर की है। दाऊद ने आईएसआई और पाकिस्तान सेना से आग्रह किया है कि वे उसे उसे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से सुरक्षित रखें।

जानकार बता रहे हैं कि पीएम मोदी की सत्ता में वापसी के बाद बहुत सारे अंतरराष्ट्रीय समीकरण बदल जाएंगे। उन्होंने कहा कि मोदी के शासन में पाकिस्तान और दाऊद पर मनोवैज्ञानिक दबाव निश्चित रूप से बढ़ेगा। मगर, भारत में दाऊद की वापसी इस बात पर निर्भर करेगी कि नई दिल्ली, इस्लामाबाद पर किस तरह हावी होता है।

सूत्रों ने कहा कि दाऊद इस बात से डरा हुआ है कि पीएम मोदी उसे भारत वापस लाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। अंडरवर्ल्ड डॉन ने आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां ??निश्चित रूप से उसे आईएसआई की नाक के नीचे पाकिस्तान से बाहर निकालने के लिए आॅपरेशन शुरू करेंगी।

उसे इस बात का भी डर है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए और इजराइल की सुरक्षा एजेंसी मोसाद भी भारत की इस काम में मदद कर सकती हैं। सूत्रों ने कहा कि आईएसआई ने दाऊद को आश्वासन दिया है कि आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारी जल्द ही इस मामले पर बात-चीत करने के लिए एक बैठक करेंगे।

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने पिछले पांच वर्षों में दाऊद की कई अवैध संपत्तियों को जब्त किया है। मोदी के शासन के दौरान दाऊद के भाई इकबाल कासकर को भी भारत वापस लाया गया था। विशेषज्ञ बताते हैं कि जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी के रूप में शामिल करने में सफल होने के बाद, भारत सरकार अब दाऊद इब्राहिम के पीछे पडेगी।

वरिष्ठ पत्रकार एस बालाकृष्णन ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पहले से ही दाऊद के गैंग को खत्म करने की योजना पर काम कर रहे हैं और आने वाले वर्षों में दाऊद की किस्मत का भी फैसला हो जाएगा। उन्होंने कहा डोभाल निश्चित तौर पर दाऊद को गिरफ्तार करने या मार गिराने की योजना बनाएंगे।