जिनपिंग ने कहा चीन को किसी तहर के ट्रेड सरप्लस की चाहत नहीं है

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बीजिंग। दुनिया में ट्रेड वार के संकट के बादल छंटते नजर आ रहे हैं। दूसरा कार्यकाल संभालने के बाद अपने एक अहम संबोधन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस संबंध में तमाम चिंताओं को दूर करने की बात कही। उन्होंने कहा कि चीन आॅटो आयात पर शुल्क कम करेगा और विदेशी कंपनियों की बौद्धिक संपदा की रक्षा सुनिश्चित करेगा।

चिनफिंग ने सीधे तौर पर अमेरिका का नाम नहीं लिया, लेकिन उसकी तमाम चिंताओं को दूर करने का भरोसा जरूर दिलाया। बोआओ फोरम फॉर एशिया में अपने संबोधन में चिनफिंग ने कहा कि चीन को किसी तरह के ट्रेड सरप्लस की चाहत नहीं है।

चीन गंभीरता से आयात बढ़ाना चाहता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसमें संतुलन चाहता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से इस संबंध में कदम उठाने को कहा है। चीन के साथ व्यापार में अमेरिका का व्यापार घाटा 375 अरब डॉलर है, जिसे ट्रंप ने एक महीने में घटाकर 100 अरब डॉलर करने को कहा है।

जिनपिंग ने आॅटोमोबाइल में निवेश को उदार करने और कारों पर आयात शुल्क को कम करने का भी वादा किया है। उन्होंने बौद्धिक संपदा की सुरक्षा को लेकर विदेशी कंपनियों की चिंता दूर करने का भरोसा भी दिलाया है। उन्होंने कहा कि दुनिया खुलेपन और कनेक्टिविटी की दिशा में बढ़ रही है। इस समय इनोवेशन को लेकर भी लोगों को रुझान बढ़ा है। इन्हें नकारने वाला पीछे रह जाएगा।

ट्रंप के हालिया कदमों की जिनपिंग निंदा भी की। उन्होंने कहा कि गलत कदम उठाकर खुद को बचाने की नीति किसी के काम नहीं आएगी। इस बीच, इस्पात और एल्युमीनियम के आयात पर भारी-भरकम शुल्क लगाने के अमेरिका के फैसले की चीन ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराई है।