इस बार अक्षय तृतीया सामान्य कारोबार रहने की संभावना

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नई दिल्ली। अक्षय तृतीया के मौके पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। इसी के चलते सोने की इस दौरान सोने की मांग में तेजी देखने को मिलती है। लेकिन इस साल का ट्रेंड कुछ बदला नजर आ रहा है। एक्सपर्ट मान रहे हैं कि इस साल अक्षय तृतीय के मौके पर सोने की डिमांड में किसी बड़ी तेजी की संभावना कम है। अक्षय तृतीया पर कारोबार सामान्य रहने की उम्मीद है। आपको बता दें कि भारत चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड कंज्यूमर देश है।

कमजोर इंपोर्ट से मिले संकेत
अक्षय तृतीया 18 अप्रैल को है। इससे ठीक पहले मार्च 2018 के दौरान सोने का आयात 47 फीसद कम हुआ है।मार्च महीने में कुल 64.2 टन सोना भारत में आयात किया गया है, जबकि मार्च 2017 में यह आंकड़ा 121 टन का रहा था। अक्षय तृतीया पर सोने के कारोबार में ज्वैलर्स किसी बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं लगा रहे हैं इसी के चलते आयात में कमी देखने को मिली है। आपको बता दें कि साल 2018 के शुरूआती तीन महीनों में सोने का आयात 159 टन पर आ गया है, जो कि बीते वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 42 फीसद की गिरावट है। अगर बीते साल की बात की जाए तो साल 2017 के शुरूआती महीनों में मांग और आयात में अच्छी खासी तेजी देखने को मिली थी।

ज्वैलर्स का नजरिया
पीएन गैडजिल ज्वैलर्स के चेयरमैन सौरभ गैडजिल के मुताबिक, हालांकि इस बार अक्षय तृतीया के मौके पर सोने की खरीदारी को लेकर लोगों में उतना उत्साह और पागलपन देखने को नहीं मिलेगा, जैसा कि हमने पूर्व के सालों में देखा है। अक्षय तृतीया के मौके पर हमेशा के पहले ही आॅर्डर बुक किए जाते रहे हैं। अर्थव्यवस्था में मंदी के चलते सोने में उपभोग की दर में भी गिरावट देखने को मिली है क्योंकि लोगों ने अपने खर्चों को कम कर दिया है। सही मायनों में हमारी निगाह दिवाली के त्यौहार पर टिकी हैं जब डिमांग की स्थिति में सुधार दिख सकता है।

बीते साल क्यों बढ़ा था गोल्ड इंपोर्ट
केडिया कमोडिटी के अजय केडिया ने बताया बीते साल गोल्ड इंपोर्ट बढ़ने की प्रमुख वजह नोटबंदी रही थी और अगर इस साल के शुरूआती तीन महीनों की साल 2017 के शुरूआती तीन महीनों से तुलना करेंगे तो आप पाएंगे कि आयात में कमी आई है। हालांकि ओवरआॅल इंपोर्ट (सालाना आधार पर) में ज्यादा गिरावट नहीं आई है।