लखनऊ
बसपा प्रमुख मायावती ने मीडिया को संबोधित करते हुए एलान किया है कि बसपा विधानसभा उपचुनाव अकेले लड़ेगी। साथी ही उन्होंने गठबंधन जारी रखने के लिए ये शर्तें रखीं हैं।
आपको बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने चुनावों में गठबंधन के हार का ठीकरा एक तरह से सपा के मत्थे फोड़ दिया। मायावती ने गठबंधन खत्म करने का स्पष्ट संकेत करते हुए पूर्व की घोषित नीति से उलट सभी 11 विधानसभा सीटों का उपचुनाव लड़ने का एलान किया है। विधायकों को सांसद चुने जाने से ये सीटें खाली हो रही हैं। बसपा सालों से उपचुनाव न लड़ने की नीति पर चलती रही है। मायावती ने सोमवार को नई दिल्ली में यूपी के जिम्मेदार नेताओं, जोन इंचार्जों, जिला अध्यक्षों, जीते हुए सभी सांसदों और हारे हुए प्रत्याशियों की बैठक बुलाई थी।
इसमें सपा-बसपा-रालोद गठबंधन की हार के कारणों की समीक्षा हुई। बैठक में शामिल एक सांसद ने बताया कि बहनजी ने कहा कि गठबंधन का कोई फायदा नहीं हुआ। वोट ट्रांसफर का फामूर्ला सफल नहीं रहा। तमाम जगह यादव वोट बसपा को नहीं मिले। मायावती ने कहा कि यादव सपा के साथ भी पूरी तरह नहीं रहे, वरना डिंपल यादव कन्नौज से व मुलायम परिवार के लोग अन्य सीटों से चुनाव न हारते। मायावती के निशाने पर पूर्व मंत्री शिवपाल यादव भी रहे। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि शिवपाल ने कई जगह यादव वोट भाजपा को ट्रांसफर करा दिए।
एक विधायक ने बताया कि बहनजी ने कहा कि मुसलमानों ने बसपा का पूरा साथ दिया लेकिन सपा के लोगों ने कई जगह गठबंधन के खिलाफ काम किया।
इसी के साथ उन्होंने विधानसभा की रिक्त होने वाली सभी 11 सीटों पर अकेले उपचुनाव लड़ने का एलान कर दिया। हालांकि उन्होंने गठबंधन तोड़ने की बात नहीं कही। लेकिन, एकतरफा सभी सीटों पर उपचुनाव लड़ने के एलान का अर्थ कोई भी लगा सकता है।