अपर्णा सेन ने कहा है कि नेताओं को धर्म पर सियासत नहीं करनी चाहिए

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कोलकाता

पश्चिम बंगाल में जय श्रीराम के नारों पर विवाद के बीच पद्मश्री से सम्मानित फिल्म प्रॉड्यूसर अपर्णा सेन ने कहा है कि नेताओं को धर्म पर सियासत नहीं करनी चाहिए। उनका मानना है कि धर्म और राजनीति अलग-अलग होनी चाहिए। अपर्णा का कहना है कि भाजपा के जय श्रीराम के नारों पर बिदकने वालीं ममता बनर्जी को ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए। भाजपा कार्यकतार्ओं के नारे का जवाब देकर मुख्यमंत्री ममता खुद अपनी कब्र खोद रही हैं। वहीं, ममता के भतीजे और डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी का कहना है कि भाजपा वालों के ‘जय श्रीराम’ नारे की टीआरपी गिर चुकी है।

फिल्मकार अपर्णा ने एक साक्षात्कार में कहा कि धर्म और राजनीति का घालमेल उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं है। राजनीति में धर्म को मिलाने से द्वेष, घृणा, टकराव जैसी समस्याएं पैदा होती हैं, इसलिए धर्म और राजनीति अलग होनी चाहिए। उनका यह भी कहना है कि राजनीति में जय श्रीराम, अल्लाह हू अकबर और जय मां काली जैसे नारों पर रोक लगा देनी चाहिए।

‘जय महाकाली पर आ गई भाजपा, गिर गई टीआरपी’
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और डायमंड हार्बर से तृणमूल के सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि बंगाल में अब भाजपा ने जय श्रीराम की जगह अब जय महाकाली बोलना शुरू कर दिया है। लगता है टीवी की रेटिंग की तरह उनके ‘जय श्रीराम’ नारे की टीआरपी भी कम हो गई है। अभिषेक ने कहा कि भाजपा के लोग राजनीति में धर्म को मिला रहे हैं। यह घालमेल करने से बचना चाहिए।

मालूम हो कि पिछले दिनों सीएम ममता बनर्जी का काफिला गुजरते समय लोगों ने जय श्रीराम का नारा लगाया था, जिसके बाद ममता ने बीच सड़क पर लोगों को फटकार लगाई थी। इसके बाद भाजपा ने ममता को जय श्रीराम लिखे पोस्टकार्ड भेजने का निर्णय लिया था।