केंद्र सरकार ने कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत किए जाने वाले योगदान की दर में कटौती की

0
252

नई दिल्ली

केंद्र सरकार ने कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत किए जाने वाले योगदान की दर में कटौती की है। 22 साल में पहली बार सरकार ने यह कटौती की है। इसके तहत ईएसआई के लिए अब योगदान 6.5 फीसदी से घटकर 4 फीसदी हो गया है। इसमें नियोक्ता का शेयर 4.75 फीसदी से घटाकर 3.25 फीसदी किया गया है।

वहीं कर्मचारियों के योगदान को 1.75 फीसदी से घटाकर 0.75 फीसदी कर दिया गया है। इसका सीधा फायदा कर्मचारी को आंशिक सेलरी में बढ़ोतरी के रूप में दिखेगा। यह निर्णय इस साल 1 जुलाई से प्रभावी हो जाएगा। इस फैसले से 3.6 करोड़ कर्मचारियों और 12.85 लाख नियोक्ताओं को फायदा पहुंचने की उम्मीद है।

उदाहरण के रूप में यदि किसी कर्मचारी का वेतन 10 हजार रुपये है तो पहले ईएसआई के लिए होने वाली 175 रुपये की कटौती के स्थान पर अब सिर्फ 75 रुपये कटेंगे। इसी प्रकार नियोक्ता भी अपनी हिस्सेदारी पहले से कम देनी होगी। केंद्र की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि इस फैसले से ईएसआई योजना के तहत कर्मचारियों के नामांकन बढ़ोतरी में मदद मिलेगी।

ईएसआई का लाभ पाने वाले का बढ़ाया था दायराः केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने 2017 में ईएसआई का दायरा 15 हजार महीना वेतन पाने वालों से बढ़ा कर 21 हजार रुपये महीना पाने वालों तक कर दिया था। इससे पहले मंत्रालय ने कहा कि ईएसआई में योगदान की वर्तमान दरें 1 जनवरी 1997 को तय की गई थीं। इसके बाद से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया था। इससे संगठित क्षेत्र के अधिक से अधिक कर्मचारी इस सुविधा के दायरे में आकर इसका लाभ उठा सकेंगे। वहीं नियोक्ता के अंश में कटौती से उनकी वित्तीय देनदारी में कमी होगी। इसके साथ ही इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस योजना के तहत पंजीकृत कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य उचित मेडिकल, सर्जिकल और ऑब्स्टेट्रिक सुविधाओं का लाभ ईएसआई डिस्पेंसरी, अस्पताल और डायगनोस्टिक सेंटरों में उठा सकेंगे। ईएसआई एक्ट 1948 आजाद भारत की पहली बड़ी वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना है।