कैसे लागू हो पाएगी मोदी सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना, जमीनी हकीकत से उठे हैं कई सवाल

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पहले हेल्थ वेलनेस सेंटर का उद्घाटन करेंगे। सरकार ने डेढ़ लाख वेलनेस सेंटर खोलने का लक्ष्य रखा है। लेकिन सरकार अभी उस बीमा योजना की अधिक बात नहीं कर रही जिसके तहत उसने दस करोड़ गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये हेल्थ कवरेज देने का ऐलान बजट में कही है।

ये बात किसी से छिपी नहीं है कि देश के तमाम हिस्सों में स्वास्थ्य सेवा लचर हैं और दूर दराज के कई इलाकों में तो इसका नामोनिशान तक नहीं है। सरकार डेढ़ लाख हेल्थ और वैलनेस सेंटर बनाकर प्राथमिक स्वास्थ्य को दुरस्त करना चाहती है ये वैलनेस सेंटर जिला अस्पतालों से जुड़े होंगे और दूरदराज के इलाकों में इनकी अहम भूमिका होगी।

लेकिन सरकार बजट में जोर-शोर से प्रचारित की गई स्वास्थ्य बीमा योजना पर अभी अधिक नहीं बोल रही है। बीमा योजना में 10 करोड़ परिवारों के करीब 50 करोड़ लोगों को कवर करने की बात कही गई है। इसमें हर परिवार को 5 लाख रुपये सालाना की कवरेज का प्रावधान है।

लेकिन बीमा योजना का प्रीमियम और जमीन पर मूलभूत ढांचे की कमी को लेकर सवाल हैं और इस योजना के वादे को कई जानकारों और विपक्ष ने हवाई किला बताया। उनका कहना है कि बीमा योजना पर प्रीमियम का खर्च देश के कुल हेल्थ बजट से अधिक होगा। हालांकि नीति आयोग ने बजट के तुरंत बाद कहा था कि शुरूआत में बीमा योजना के लिए 12 हजार करोड़ की ही जरूरत होगी।

महत्वपूर्ण है कि अब नीति आयोग भी बीमा योजना से अधिक वैलनेस सेंटरों पर जोर दे रहा है और बीमा योजना कब से लागू होगी इस पर कुछ साफ नहीं कह रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र के जानकारों का भी कहना है कि सरकार अगर बीमा योजना के बजाय प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं और सरकारी अस्पतालों को दुरुस्त करने में ध्यान दे तो बेहतर होगा।