नई दिल्ली। देश में दलितों-आदिवासियों में बढ़ती नाराजगी के बीच सरकार ने देश के दलित और गरीब परिवारों तक सामाजिक कल्याण और विकास की बड़ी योजनाओं को सीधे पहुंचाने का फैसला किया है। सरकार ने देश के 21,058 चुने हुए दलित-बाहुल्य गांवों में बड़ी सरकारी योजनाओं को सीधे लाखों दलित-गरीब परिवारों तक ले जाने का फैसला किया है।
ये पहल ग्राम स्वराज अभियान के तहत 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के दिन शुरू की जा रही है जो 5 मई तक चलेगी। ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा, “ग्राम स्वराज अभियान के तहत 21000 से ज्यादा गांवों को चुना गया है जिनमें दलित परिवारों की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा है।”
इन दलित परिवारों तक भारत सरकार की सात बड़ी सरकारी योजनाओं के ले जाने की तैयारी है। जिन योजनाओं को इसमें शामिल किया गया है उनमें प्रमुख हैं उज्जवला योजना जिसके तहत गरीब महिलाओं को मुफ्त में गैस कनेक्शन दिया जाता है और उजाला योजना जिसके तहत गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली का कनेक्शन मुहैया कराया जाता है।
ग्रामीण विकास मंत्री ने इस दावे को गलत बताया कि इस पहल को देश में दलितों के आंदोलन से जोड़ कर देखा जा सकता है। फिलहाल कर्नाटक और पश्चिम बंगाल को इस पहल से दूर रखा गया है क्योंकि इन दोनों राज्यों में विधानसभा और पंचायत चुनावों ती वजह से चुनाव आचार संहिता लागू है।