कांग्रेस को तेलंगाना में एक और बड़ा झटका मिलने वाला, एक विधायक ने भाजपा में शामिल होने का संकेत दिया

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हैदराबाद

कांग्रेस को तेलंगाना में एक और बड़ा झटका मिलने वाला है। राज्य में मौजूद पार्टी के दो तिहाई विधायकों में से 12 पहले ही तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) में शामिल हो चुके हैं। वहीं अब एक विधायक ने भाजपा में शामिल होने का संकेत दिया है। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने राज्य में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। राज्य में पार्टी के 18 विधायक थे। जिसमें से फिलहाल छह विधायक बचे हैं।

भाजपा में शामिल होने वाले विधायक का नाम कोमाटीरेड्डी राजगोपाल रेड्डी है। वह नालगोंडा जिले की मुनुगोडे विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। यदि वह कांग्रेस छोड़ देते हैं तो 119 सदस्यों वाली विधानसभा में पार्टी की संख्या पांच रह जाएगी। वर्तमान में भाजपा का केवल एक विधायक विधानसभा में मौजूद है। सोमवार को रेड्डी ने दिल्ली में भाजपा नेतृत्व से मुलाकात की और औपचारिक तौर पर पार्टी में शामिल होने की बात की।

वह स्थानीय पत्रकारों से बात करते हुए शनिवार को कह चुके हैं कि कांग्रेस का तेलंगाना में कोई भविष्य नहीं है और भाजपा अकेली ऐसी पार्टी है जो टीआरएस को चुनौती दे सकती है। विधायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने देश को एक मजबूत नेतृत्व प्रदान किया है और क्रांतिकारी फैसले लिए हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेतृत्व तेलंगाना और दिल्ली में लोगों का विश्वास जीतने में नाकामयाब रहा है।

जहां रेड्डी भाजपा में शामिल होने के लिए तैयार हैं। वहीं तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस समिति की अनुशासनात्मक समिति ने सोमवार को गांधी भवन में मुलाकात करके हाईकमांड से रेड्डी को निष्कासित करने की मांग की। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद हनुमंत राव ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजगोपाल रेड्डी जो पार्टी से विधान परिषद् के सदस्य, विधायक और सासंद बने हैं, उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है। उनके परिवार को पार्टी से काफी फायदे मिले हैं। इसके बावजूद वह संतुष्ट नहीं हैं।’

रेड्डी ने एक और कांग्रेस विधायक टी जयप्रकाश रेड्डी जो संगारेड्डी विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए लुभाने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने अभी तक मन नहीं बनाया है। जयप्रकाश ने कहा, ‘यह सच है कि राजगोपाल रेड्डी ने रविवार को मुझसे बात की थी लेकिन मैं नहीं बताना चाहता कि हमारे बीच क्या बात हुई। मैं हाईकमांड से अनुरोध करता हूं कि मुझे प्रदेश कांग्रेस समिति का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाए। मैं पार्टी की प्रतिक्रिया के आधार पर निर्णय लूंगा।’