केंद्र सरकार ने अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए फुल प्रूफ प्लान तैयार किया

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नई दिल्ली

आतंकियों के धमकी भरे अलर्ट के बीच केंद्र सरकार ने अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए फुल प्रूफ प्लान तैयार कर दिया है। बुधवार को कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर आ रहे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा प्रेजेंटेशन दिया जाएगा।

सुरक्षा बलों को मिली खुफिया जानकारी में पता चला है कि आतंकियों ने इस बार अमरनाथ यात्रा को बाधित करने के लिए हैंड ग्रेनेड और आईईडी ब्लास्ट (भूमि में विस्फोटक सामग्री दबाना या गाड़ी में भरकर उसे सुरक्षा बलों और यात्रियों के काफिले से टकराना) जैसी घातक योजना बनाई है।

गृह मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक, अमरनाथ यात्रा में किसी भी तरह का व्यवधान नहीं आने दिया जाएगा। पहली जुलाई से शुरू हो रही यात्रा की सुरक्षा में इस बार लगभग 45 हजार जवान तैनात रहेंगे। बता दें कि साल 2015 में 16 हजार और 2018 में सेना, अर्धसैनिक बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस के करीब 35 हजार जवान अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में लगाए गए थे। इस बार सुरक्षा बलों की नजर हैंड ग्रेनेड और आईईडी ब्लास्ट पर रहेगी।

सुरक्षा के फुल प्रूफ प्लान में एक विकल्प यह भी रखा गया है कि अति संवेदनशील और हाई अलर्ट वाली सड़कों के कुछ हिस्सों पर सामान्य ट्रैफ़िक रोका जा सकता है। हालांकि रोड ओपनिंग पार्टी (आरओपी) की संख्या बढ़ा दी गई है।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा में सौ के आसपास खोजी कुत्ते भी तैनात
पिछली बार सीआरपीएफ के 42 कुत्तों ने संदिग्ध सामान की जाँच का ज़िम्मा सम्भाला था। ये कुत्ते करीब दो सौ किलोमीटर के रास्ते पर चलकर सुरक्षा बलों को रूट सुरक्षित होने की गारंटी देते हैं। खोजी कुत्ते न केवल जमीन में चार फुट नीचे तक दबी विस्फोटक सामग्री खोज निकालते हैं, बल्कि आसपास के इलाके में कोई भी संदिग्ध व्यक्ति अगर इनकी नजर में आ जाए तो बिना किसी देरी के वह सूचना सीआरपीएफ तक पहुँच जाती है।

सीआरपीएफ के मुताबिक, एक कुत्ता चार-पांच किलोमीटर का रास्ता तय कर यह बताता है कि आगे सब कुछ ठीक है या कोई खतरा है। खोजी कुत्ते की सूंघने की क्षमता इतनी ही होती है। चार किलोमीटर के बाद कुत्ते को विश्राम के लिए गाड़ी में बैठा दिया जाता है और दूसरा कुत्ता डयूटी संभाल लेता है।

अमरनाथ यात्रा के लिए जवाहर टनल से निकलने वाले दोनों रास्ते, पहलगाम और बालटाल के करीब दो सौ किलोमीटर लंबे रूट को सुरक्षा के लिहाज से क्लीयर करने की जिम्मेदारी इन्हीं खोजी कुत्तों पर है। प्लास्टिक बैग या टिफ़िन बॉक्स में रखे हैंड ग्रेनेड को खोज निकालने के लिए इन कुत्तों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। यात्रा के दौरान आर्मी और अर्धसैनिक बलों के निशानेबाज हेलीकॉप्टर से गश्त करेंगे।