Madhya Pradesh के सरकारी अस्पतालों में भूरे रंग के कंबल मिलेंगे

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भोपाल

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में हर दिन अलग-अलग दिन के नाम वाले चादर बिछाने के बाद अब कंबल भी बदले जा रहे हैं। अभी तक लाल रंग का कंबल मरीजों को दिया जाता था। अब उसकी जगह ग्रे यानि भूरे रंग का कंबल दिया जाएगा। सभी अस्पतालों में इस साल अंत तक लाल रंग के कंबल हटाकर उनकी जगह ग्रे रंग के कंबल दिए जाएंगे। नए कंबलों की क्वालिटी बेहतर है। इससे मरीजों को ठंड में राहत मिलेगी।

एनएचएम के अफसरों ने बताया कि अस्पतालों को प्रति बेड के लिहाज से दो कंबल दिए जा रहे हैं। इसके अलावा एक कंबल के लिए दो कवर दिए जाएंंगे। यह सब कवायद मरीजों को अस्पताल में होने वाले संक्रमण से बचाने के लिए की जा रही है। कंबल के कवर की हर दिन धुलाई भी की जाएगी।

धुलाई की क्वालिटी अच्छी हो, इसलिए सभी जिला अस्पतालों में मैकेनाइज्ड लांड्री लगाई जा रही है। अफसरों के मुताबिक कंबलों की खरीदी खादी ग्रामोद्योग विभाग से शुरू हो गई है। कुछ कंबल व कवर आ गए हैं। उन्हें अस्पतालों में पहुंचाया जाएगा। चरणबद्ध तरीके से इस साल के अंत तक सभी अस्पतालों के कंबल बदल दिए जाएंगे। एक कंबल की कीमत 1150 रुपए है।

इन कंबलों के बार्डर में कपड़े की पट्टी लगी है, जिससे कंबल में मजबूती रहे। अस्पतालों में सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए भारत सरकार का सबसे ज्यादा फोकस है। क्वालिटी एश्योरेंस के लिए इस साल एनएचएम के प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन प्लान (पीआईपी) में 120 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके लिए 60 फीसदी राशि भारत सरकार की तरफ से दी जाती है।

अभी मिलने वाले कंबल से दिक्कतें

– मरीजों को अभी लाल रंग का सिर्फ एक कंबल दिया जाता है। इसमें कवर नहीं होता, जिससे मरीजों को ठंड लगती है।

कंबल लाल रंग का होने के वजह से किसी मरीज को ब्लीिंडंग होने पर भी पता नहीं चलता।

-अभी कंबल के साथ कवर नहीं दिया जाता है। कंबल की धुलाई छह महीने में होती है। ऐसे में एक मरीज का संक्रमण दूसरे को लगने का डर रहता है।

इनका कहना है

अस्पतालों के कंबल बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कुछ कंबल आ भी गए हैं। सभी अस्पतालों में लाल रंग की जगह ग्रे रंग के कंबल मरीजों को दिए जाएंगे।

डॉ. पंकज शुक्ला, संयुक्त संचालक, क्वालिटी एनएचएम