नक्सली मध्‍यप्रदेश में बड़ी हिंसा की फि‍राक में

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बालाघाट

आंध्रा से आई नक्सलियों की नई खेप से सेंट्रल कमेटी ने प्लाटून-56 को जिंदा कर लिया है। इसके लिए पिछले एक साल से नक्सली नया इलाका तलाश रहे हैं। बार्डर एरिया में छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश की पुलिस की जारी कॉबिंग सर्चिंग से नक्सलियों पर दबाव बढ़ा है।

इससे लगातार जंगलों में नक्सली अपने रास्ते ही नहीं नए ठिकाने भी तलाश रहे हैं। मध्य प्रदेश में बड़ी वारदात की फिराक में पुलिस को नक्सली चकमा दे रहे हैं। बालाघाट के रास्ते छत्तीसगढ़ से नक्सली मंडला-डिंडौरी के जंगलों को अपना ठिकाना बना रहे हैं।

समय रहते नक्सलियों का फिर पुलिस ने रास्ता नहीं रोका तो मंडला-डिंडौरी से सिंगरौली-सीधी के रास्ते पड़ने वाले इलाके भी नक्सली गतिविधियों के लिए फिर संवेदनशील हो जाएंगे। सेंट्रल कमेटी ने बालाघाट व सिंगरौली पर फोकस किया है। इन दोनों जिलों के जंगल में नक्सली कैंप की तैयारी में हैं।

नेटवर्क बढ़ा रही पुलिस, ताकत बढ़ा रहे नक्सली

जिन रास्तों से कभी पुलिस ने नक्सलियों के गुजरने के निशान तलाशे थे, फिर उन्हीं रास्तों में उनकी चहल-कदमी बढ़ रही है। छत्‍तीसगढ़-महाराष्ट्र के सीमावर्ती इलाकों से मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में अपनी ताकत बढ़ा रहे नक्सलियों ने अपने नए रास्ते बना लिए हैं। इतना ही नहीं अब नक्सली नया ठिकाना तलाश रहे हैं। जिसके लिए सेंट्रल कमेटी ने नई प्लाटून के लिए नए इलाके पर फोकस किया है।

नेटवर्क बढ़ाने के लिए एक तरफ जहां बार्डर एरिया में पुलिस आऊट सोर्स बढ़ा रही है। वहीं दूसरी तरफ कवर्धा के रास्ते नक्सली बालाघाट से गुजरकर मंडला-डिंडौरी के जंगलों में सुरक्षित स्थान तलाश अपनी ताकत मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में भी बढ़ा रहे हैं।

7 साल बाद इन रास्तों पर बढ़ाए कदम
मई 2012 में पचामा-दादर में नक्सली मुठभेड़ के बाद इन रास्तों से वापस लौट नक्सलियों ने मंडला-डिंडौरी के रास्तों को छोड़ दिया था। लेकिन छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र के बार्डर एरिया में दबाव बढ़ने से फिर नक्सलियों ने इन्ही रास्तों को अपनाना शुरू कर दिया है।

कोयनार दलम के सदस्य भी नई प्लाटून में शामिल
मध्य प्रदेश में लगातार वारदात की फिराक में पिछले 7 साल से पैठ बढ़ा रहे नक्सली जंगलों में अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं। वहीं रसूल शोरी के गिरफ्तार होने के बाद कमजोर पड़े कोयनार दलम के सदस्य को प्लाटून -56 में शामिल कर इसे जंगलों में फील्ड ट्रैनिंग दी जा रही है। जो मंडला-डिंडौरी के रास्ते सिंगरौली में कैंप की तैयारी करेगी। वहीं बालाघाट में बारिश में कैंप लगाने की तैयारी की जा रही है।

इनका कहना है

छत्तीसगढ़ के कवर्धा से नक्सलियों की आवाजाही बालाघाट के रास्ते मंडला होने के खबर मिल रही थी। पिछले कुछ दिनों से बालाघाट व मंडला जिले की सीमा में महाराष्ट्र व छग से नक्सली मूवमेंट बढ़ा है। यहां नक्सलियों ने वारदातों को भी अंजाम दिया है। पुलिस सर्चिंग बढ़ने से जंगल में दबाव भी बढ़ा है।

-अभिषेक तिवारी, एसपी बालाघाट