भाजपा पर अजय सिंह का तंज: पत्र में कहा- प्रीति रघुवंशी को भी पीएम दिलाएं न्याय

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भोपाल। प्रधानमंत्री द्वारा कठुआ और उन्नाव की घटनाओं को लेकर दिए गए बयान ‘गुनहगार बचेंगे नहीं, बेटियों को न्याय मिलेगा।’ से नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह की उम्मीद जगी है। उन्होंने पीएम को पत्र लिखकर मप्र की प्रीति रघुवंशी को भी न्याय दिलाने की मांग की है।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने रविवार को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा कि, प्रीति शिवराज सरकार में मंत्री रामपाल सिंह की बहू थीं। प्रीति रघुवंशी ने लगभग 28 दिन पहले इसलिए आत्महत्या कर ली थी, क्योंकि मंत्री रामपाल सिंह के बेटे ने दूसरी शादी की तैयारी कर ली थी।
Ajay Singh’s taint on BJP: Letter in the letter – PM to Preeti Raghuvanshi also give justice
‘बयान बदलने खातिर दबाव डालने के लिए अपहरण’
अजय सिंह ने पत्र में लिखा है कि प्रीति रघुवंशी के परिजनों के बयान दर्ज हुए, लेकिन मंत्री रामपाल और उनके बेटे के बयान आज तक दर्ज नहीं हुए। मामला सिर्फ प्रीति को आत्महत्या के लिए विवश किए जाने का नहीं है, प्रीति के भाई का अपहरण कर उसे 4 दिन बाद छोड़ा गया और बयान बदलने खातिर दबाव डालने के लिए अपहरण भी पुलिस के संरक्षण में किया गया।

‘परिवार को डराने-धमकाने का काम कर रही शिवराज सरकार’
नेता प्रतिपक्ष ने पत्र में आगे लिखा है कि भोपाल के पुलिस महानिरीक्षक मंत्री रामपाल सिंह से मिलने उनके बंगले पर गए, लेकिन किसी भी बड़े अफसर ने प्रीति रघुवंशी के परिवार से मिलना ठीक नहीं समझा। यहीं नहीं, विधानसभा में इस मुद्दे पर सरकार ने चर्चा भी नहीं होने दी। यह घटनाक्रम बताता है कि, शुरू दिन से ही शिवराज सरकार और उनकी पुलिस मंत्री रामपाल सिंह को बचाने और प्रीति रघुवंशी के परिवार को डराने-धमकाने का काम कर रही है।

‘आत्महत्या के लिए मजबूर हो रही बेटियां’
सिंह ने पत्र में लिखा है कि, आपने प्रधानमंत्री बनते ही हरियाणा के हिसार से ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का एक महाअभियान शुरू किया था, पर जो हालात पूरे देश में पैदा हो गए हैं, उससे लोगों में फिर यह धारणा बन रही है कि, बेटी होना कलंक है। बेटी बचाओ तो उसे या तो दरिंदे नोंच लेते हैं और अगर वह बहू बन जाती है तो उसे आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ता है, जैसा कि मंत्री रामपाल सिंह के मामले में हुआ है।

पत्र में आगे लिखा है कि राज्य में कानून का राज खत्म हो गया है। प्रीति रघुवंशी के परिजनों के न्याय की आस खत्म हो चुकी है। ऐसे में आपने जो बयान कठुआ और उन्नाव की घटनाओं के संदर्भ में दिया है, उसका पालन मध्यप्रदेश में भी करवाएं। आप शिवराज सरकार को निर्देशित करें कि वह रामपाल सिंह को मंत्री पद से हटाएं, क्योंकि वे अपने पद का दुरुपयोग पुलिस पर दबाव डालने में कर रहे हैं और उनके तथा उनके पुत्र के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज करवाएं। ऐसा होने पर ही आपके कहने का कोई अर्थ होगा, वरना यह भी अच्छे दिन की तरह जुमला बनकर रह जाएगा।