नई दिल्ली। दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही जेपी इन्फ्राटेक को खरीदने की दौड़ में सबको चौंकाते हुए लक्षदीप प्राइवेट लिमिटेड सबसे आगे निकल गई है। लक्षदीप ने जेपी इन्फ्रा के लिए 7,350 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। हालांकि यह पिछले साल जेपी इन्फ्रा की ओर से कर्जदाता बैंकों के सामने रखे गए प्रस्ताव से कम है।
लक्षदीप प्राइवेट लिमिटेड सुधीर वालिया के नेतृत्व वाली सुरक्षा एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी और मुंबई की दोस्ती रियल्टी का संयुक्त उद्यम है। मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, लक्षदीप ने बैंकों को 1,200 करोड़ रुपये नकद, 4,000 करोड़ रुपये की जमीन और बाकी राशि के बराबर लांग टर्म नॉन-कंवर्टिबल डिबेंचर्स का प्रस्ताव दिया है। बैंकों को कुछ शेयर भी दिया जाएगा।
लक्षदीप ने इस मामले में अडानी समूह की बोली को पीछे छोड़ा है। अडानी समूह ने 1,200 करोड़ रुपये नकद और 3,500 करोड़ रुपये की जमीन देने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा उसने 3,000 करोड़ रुपये के पुराने प्रपत्र देने का प्रस्ताव भी दिया है, जिनकी वर्तमान कीमत 500 से 1,000 करोड़ के बीच होगी। मामला नेशन
सूत्रों के मुताबिक, आठ मार्च, 2017 के प्रस्ताव में ब्याज समेत 8,500 करोड़ के कर्ज बदले कंपनी ने 3,140 करोड़ का कर्ज बही खाते में रखते हुए उस पर सालाना 10 फीसद ब्याज देने की बात कही थी। बाकी कर्ज के बदले उसने 2,340 करोड़ मूल्य की 448 एकड़ जमीन देने, आॅप्शनल कंवर्टिबल डिबेंचर्स और शेयर देने का प्रस्ताव रखा था। कर्जदाता बैंकों को इसमें 23 फीसद शेयर देने की बात थी। इसके बाद यस बैंक ने प्रमोटरों को कारोबार में लगाने के लिए 1,100 करोड़ देने पर भी सहमति जताई थी।
बिनानी आॅपरेशनल क्रेडिटर्स ने फॉरेंसिक आॅडिट की मांग की
दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही बिनानी सीमेंट के आॅपरेशनल क्रेडिटर्स फोरम ने इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रक्रिया के फॉरेंसिक आॅडिट की मांग की है। याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। कर्जदाताओं ने प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं होने का आरोप लगाया है। बिनानी सीमेंट पर 7,000 करोड़ का कर्ज है। आॅपरेशनल क्रेडिटर्स अल्ट्राटेक सीमेंट व डालमिया भारत के बीच टकराव को देखते हुए एनसीएलटी की कोलकाता इकाई से नए सिरे से बोली लगवाने की अपील करने पर विचार कर रहे हैं।