Madhya Pradesh Budget 2019 Live : वित्तमंत्री का बजट भाषण शुरू, विपक्ष ने उठाया महंगाई का मुद्दा

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TIO भोपाल

मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री तरुण भनोत ने बजट भाषण की शुरुआत कौटिल्य को याद कर की। उन्होंने कहा कि मुझे इस बजट को पढ़ते हुए खुशी हो रही है कि हमारी सरकार ने कम समय में ही प्रदेश की जनता के लिए काम किया। इस बीच आचार संहिता भी रहीं है, जिसमें हमने 128 दिनों में किसानों का कर्जा माफ, बिजली का बिल माफ किया और युवाओं के लिए काम किया। यह सरकार घोषणावीर न होकर कर्मवीर है। सीएम कमलनाथ के नेतृत्व में प्रदेश का मान बढ़ रहा है। आज के हर वादे को सरकार अमल में लाएगी। बजट से पहले ही सदन में महंगाई का मुद्दा उठा। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने टेक्सेशन का मुद्दा उठाया, जिस पर सीएम कमलनाथ और सत्ता पक्ष के मंत्रियों ने इसका जवाब दिया।

इसके पहले मंत्री भनोत जूट के फोल्डर में बजट लेकर पहुंचे, उन्होंने कहा इसी के अंदर जनता का भरोसा है। उन्होंने संकेत दिए कि बजट में कोई नया कर नहीं लगाया जाएगा, जनता की जेब पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। हर वर्ग को फोकस करते हुए बजट बनाया गया है। सरकार अपने हर वादे को पूरा करेगी।


वित्तमंत्री भनोत विधानसभा में बजट पेश करने के लिए करीब 10:30 बजे बंगले से रवाना हुए। इसके पहले पत्नी मालविका ने उन्हें तिलक लगाकर और काजू कतली खिलाकर आल द बेस्ट कहा।

सात फीसदी की दर से आगे बढ़ रही प्रदेश के विकास की गति
इसके पहले मंगलवार को विधानसभा में 2018-19 का आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया गया, जिसमें बताया गया कि विकास की गति सात फीसदी की दर से आगे बढ़ रही है। वहीं, प्रति व्यक्ति सालाना आय स्थिर भाव पर 82 हजार 941 रुपए से 9.71 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 90 हजार 998 रुपए पहुंच गई है। हालांकि, सकल घरेलू उत्पाद में उद्योगों का योगदान 27.09 प्रतिशत से घटकर 24.14 प्रतिशत पहुंच गया है। अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली के सूचकांक में प्रदेश का स्थान 25वां रहा है।

खेती का रकबा 1.66 लाख हेक्टेयर घटा है तो कृषि क्षेत्र का जीडीपी में योगदान 37.40 प्रतिशत से घटकर 37.17 प्रतिशत हो गया है। प्रचलित भाव पर देखा जाए तो यह 39.06 प्रतिशत से 35.94 आंका गया है। कुपोषण आज भी प्रदेश के लिए चुनौती बना हुआ है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर प्रति हजार में 77 है जो असम को छोड़कर अन्य राज्यों से अधिक है।

गरीबी के स्तर में 27वें स्थान पर प्रदेश

आज भी देश में गरीबी के स्तर के मामले में 27वें स्थान पर है। देश में 21.92 प्रतिशत की तुलना में मप्र में 31.65 फीसदी जनसंख्या (हेड काउंट रेशो) गरीबी रेखा के नीचे है। इन आंकड़ों के सामने आने के बाद गरीबी उन्मूलन एक प्रमुख चुनौती दिखाई देती है।