राकेश सिंह की खुली लाटरी बने प्रदेश भाजपा के मुखिया

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भोपाल। जबलपुर से 3 बार के सांसद राकेश सिंह की लाटरी खुल गई है और वह प्रदेश भाजपा के नए मुखिया होंगे। इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा के चुनाव उनकी पहली बड़ी परीक्षा होगी। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को प्रदेश चुनाव अभियान समिति का संयोजक बनाया गया है। हालांकि इन नामों की अधिकृत घोषणा कुछ देर बाद होगी।

प्रदेश पार्टी प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने राकेश सिंह के नाम की पुष्टि की है लेकिन इसकी अधिकृत घोषणा नहीं की गई है। आपको बता दें कि राकेश सिंह जबलपुर से 3 बार के सांसद हैं। उन्होंंने ये भी बताया कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भाजपा प्रदेश चुनाव अभियान समिति के संयोजक होंगे। राकेश सिंह प्रदेश के जुझारु और प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। उनकी पहचान अच्छे कैंपेनर के रुप में है। वे छात्र राजनीति से सक्रिय हैं।

जबलपुर सांइस कालेज में प्रहलाद पटेल के अगुवाई में राकेश सिंह की छात्र राजनीति शुरू हुई।प्रदेश अध्यक्ष के लिए कैलाश विजयवर्गीय, नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह के नामों चचार्एं थी, इतना ही नहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम भी प्रमुखता से उठा था। लेकिन तमाम अटकलों को बुधवार सुबह विराम लग गया। बताया जा रहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामलाल ने राकेश सिंह के नाम का प्रस्ताव रखा। जिस पर पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों और संगठन प्रमुखों में चर्चा हुई और फिर सहमति बनी।

राजनीति में बहुत जल्दी बदलती हैं आस्थाएं
इधर मंगलवार रात को इस्तीफे के बाद नंदकुमार सिंह चौहान के सरकारी बंगले के बाहर लगी नाम पट्टिका पर स्टीकर लगाकर प्रदेश अध्यक्ष पद को छिपा दिया गया है। सुबह बंगले पर तैनात कर्मचारी नाम पट्टिका पर स्टीकर लगाता दिखाई दिया। गौरतलब है कि नंदकुमार सिंह चौहान को बदले जाने को लेकर काफी दिनों से चचार्एं थी। मंगलवार को भीकनगांव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात का खुलासा किया कि नंदकुमार सिंह चौहान अपने पद से हटना चाहते हैं। क्योंकि वे अपने संसदीय क्षेत्र में समय देना चाहते हैं। ऐसे में नए प्रदेश अध्यक्ष की कवायद शुरू हो गई थी।

एक मजेदार बात नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा था कि अपने संसदीय क्षेत्र में ध्यान देने का बहाना सामने रखा। पर एक बात समझ नहीं आई कि राकेश सिंह अपने संसदीय क्षेत्र का ध्यान नहीं रखेंगे। राजनीतिक लोग कई बार हास्यास्पद बयान दे देते हैं।