पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार सुब्रमणियन ने आईएल एंड एफएस संकट को आरबीआई की नाकामी बताया

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नई दिल्ली

पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने आरबीआई पर नियमन में विफल रहने का आरोप लगाया है। सुब्रमणियन ने  कहा कि रिजर्व बैंक ने आईएल एंड एफएस में नकदी संकट की आशंका का जिक्र पिछले 4-5 साल की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट में कभी नहीं किया।

  1. सुब्रमणियन का कहना है कि आरबीआई देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक है। लेकिन, आईएल एंड एफएस के मामलों जैसी कुछ बड़ी नाकामियां भी रही हैं। सुब्रमणियन ने यह भी कहा कि दोहरी बैलेंस शीट की समस्या इस वक्त देश की सबसे बड़ी चुनौती है। सुब्रमणियन का आशय ये है कि कर्ज देने वाले और लेने वाले दोनों ही मुश्किल में हैं।
  2. नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी की श्रेणी में शामिल आईएल एंड एफएस ग्रुप पर 94 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। पिछले साल ग्रुप की कई कंपनियों ने कर्ज के भुगतान में डिफॉल्ट किया तो नकदी के संकट का पता चला। इसका असर पूरे एनबीएफसी सेक्टर पर हुआ। इस सेक्टर की दूसरी कंपनियों के लिए नकदी जुटाना मुश्किल हो गया। पिछले साल एक अक्टूबर को सरकार ने आईएल एंड एफएस का नेतृत्व अपने हाथ में लेकर उदय कोटक की अध्यक्षता में नया बोर्ड बनाया था।
  3. सुब्रमणियन पिछले दिनों जीडीपी के आंकड़ों को लेकर भी चर्चा में आए थे। एक रिसर्च पेपर में उन्होंने कहा था कि 2011-12 से 2016-17 के बीच देश की जीडीपी 2.5% ज्यादा आंकी गई। सरकार ने सुब्रमणियन के दावों को गलत बताया था।
  4. सुब्रमणियन अक्टूबर 2014 से जून 2018 तक मुख्य आर्थिक सलाहकार थे। अभी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पब्लिक पॉलिसी डिपार्टमेंट में विजिटिंग फैकल्टी हैं।