ट्रंप के कश्मीर पर बयान के बाद ब्रैड शेयरमैन ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा, “दक्षिण एशिया की राजनीति की थोड़ी सी जानकारी रखने वाले लोग भी ये बात जानते हैं कि भारत कश्मीर मामले में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का हमेशा से ही विरोधी रहा है। सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी कभी कश्मीर पर मध्यस्थता का आग्रह नहीं करेंगे। ट्रंप का इस मामले में बयान अपरिपक्व, भ्रामक और शर्मिंदा करने वाला है।”
क्या बोले ट्रंप?
अपने ऊट-पटांग बयानों के लिए चर्चित ट्रंप ने यहां तक दावा किया कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनसे कश्मीर पर मध्यस्थता की बात कही थी। मीडिया से रूबरू हुए ट्रंप ने कहा कि यदि भारत-पाकिस्तान चाहें तो वह मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। ट्रंप ने दावा किया कि पिछले महीने जापान के ओसाका में जी-20 समिट के दौरान उनकी मोदी से कश्मीर मसले पर बातचीत हुई थी।
बकौल ट्रंप मोदी ने उनसे पूछा था कि क्या आप मध्यस्थ बनना चाहेंगे? मैंने पूछा कहां, तो उन्होंने कहा कश्मीर पर। ट्रंप ने कहा, मुझे लगता है कि भारतीय भी हल चाहते हैं, आप हल चाहते हैं और अगर मैं मदद कर सकता हूं तो मुझे खुशी होगी। दो शानदार देश, जिनके पास स्मार्ट लीडरशिप है वे इतने सालों से यह मसला हल नहीं कर पा रहे हैं।
अगर आप चाहते हैं कि मैं मध्यस्थता करूं, तो मैं यह करूंगा। भारत के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं। मुझे पता है कि भारत के साथ पाक का रिश्ता काफी तनावपूर्ण है, लेकिन हम भारत से बात करेंगे।
इससे पहले पीएम बनने के बाद पहली बार व्हाइट हाउस पहुंचे इमरान ने ट्रंप के सामने भी कश्मीर राग अलापा। इमरान ने कहा- मैंने सबसे शक्तिशाली देश होने के नाते ट्रंप से कश्मीर पर मध्यस्थता की बात कही है। यदि अमेरिका राजी है, तो एक अरब से ज्यादा लोगों की दुआएं उनके साथ हैं।
क्या बोला व्हाइट हाउस?
क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर ट्रंप ने कहा कि भी पाकिस्तान ने इसमें सुधार और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए शुरुआती कदम उठाए हैं। पाकिस्तान सभी आतंकवादी समूहों को बंद करने के लिए कार्रवाई करे।
अफगानिस्तान में शांति वार्ता पर ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान ने यहां शांति वार्ता की कोशिश की है। इसे अभी और बढ़ाने की जरूरत है। पाकिस्तान और अमेरिका के बीच एक मजबूत, स्थायी साझेदारी का रास्ता अफगानिस्तान में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान से निकलता है। इस समाधान को दोनों देशों को आपसी बातचीत से निकालना है।