रजत पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश रूप में होंगे दर्शन

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TIO उज्जैन

श्रावण मास की दूसरी सवारी में भक्तों को भगवान महाकाल के दो रूपों के दर्शन होंगे। राजाधिराज रजत पालकी में चंद्रमौलेश्वर तथा हाथी पर मनमहेश रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। परंपरा अनुसार शाम 4 बजे शाही अंदाज में सवारी शिप्रा तट की ओर रवाना होगी। इससे पूर्व मंदिर के सभा मंडप में दोपहर 3.30 बजे पुजारी भगवान चंद्रमौलेश्वर व मनमहेश का पूजन करेंगे। पूजन पश्चात सवारी नगर भ्रमण के लिए निकलेगी। महाकाल घाटी, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए पालकी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी।

यहां पुजारी शिप्रा तथा शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजा अर्चना करेंगे। पूजन पश्चात सवारी रामानुजकोट, गणगौर दरवाजा, कार्तिक चौक, ढाबारोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए शाम 7.15 बजे पुन: मंदिर पहुंचेगी। मंदिर के मुख्य द्वार तथा शिप्रा तट पर पूजन के पश्चात सशस्त्र बल के जवान राजाधिराज को सलामी देंगे। सवारी में अश्वरोही दल, पुलिस बैंड, सशस्त्र बल की टुकड़ी, भजन मंडलिया, झांझ डमरू दल शामिल होंगे। प्रबंध समिति द्वारा मंदिर की वेबसाइट पर सवारी का लाइव प्रसारण किया जाएगा। देश दुनिया में भक्त घर बैठे सवारी देख सकेंगे।

दूसरी सवारी में भी शामिल होंगे प्रभारी मंत्री

प्रदेश के लोक निर्माण व जिले के प्रभारी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा सोमवार को शहर आएंगे और महाकालेश्वर भगवान की दूसरी सवारी में भी शामिल होंगे। निर्धारित कार्यक्रम के तहत वे सोमवार अपरा- 3 बजे देवासरोड स्थित सर्किट हाउस पहुंचेंगे। सवारी में शामिल होने के बाद वापस भोपाल प्रस्थान करेंगे। पहली सवारी में भी वे पूजन में शामिल हुए थे। वे देवास से होते हुए सड़क मार्ग से आएंगे।