जबलपुर
देश में सामाजिक समरसता की डोर लगातार कमजोर करने की कोशिशें जारी हैं। इसका नया उदाहरण मध्य प्रदेश के जबलपुर में सामने आया है। यहां के एक युवक ने ऑनलाइन भोजन उपलब्ध कराने वाले प्लेटफार्म जोमैटो द्वारा ऑर्डर की सामग्री को गैर हिंदू द्वारा भेजे जाने पर लेने से इंकार कर दिया। यह वाकया मंगलवार रात का है। अमित शुक्ला ने जबलपुर में जोमैटो को खाने का ऑर्डर किया था। जब शुक्ला ने देखा कि खाना पहुंचाने आया व्यक्ति गैर हिंदू है, तो उसने जोमैटो से दूसरा डिलिवरी बॉय भेजने को कहा। उसने श्रावण माह के कारण गैर हिंदू से खाना न लेने की बात कही।
Food doesn’t have a religion. It is a religion. https://t.co/H8P5FlAw6y
— Zomato India (@ZomatoIN) July 31, 2019
अमित का चैट सोशल मीडिया और अन्य समाचार माध्यमों पर खूब वायरल हो रहा है।
शुक्ला ने मंगलवार रात ट्वीट किया, “अभी-अभी मैंने जोमैटो से एक ऑर्डर रद्द किया। उन्होंने मेरा खाना गैर-हिन्दू व्यक्ति के हाथ भेजा और कहा कि वे इसे न तो बदल सकते हैं और न ही ऑर्डर रद्द करने पर पैसा वापस कर सकते हैं। मैंने कहा कि आप मुझे खाना लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। मुझे पैसा वापस नहीं चाहिए, बस ऑर्डर रद्द करो।”
अमित ने जोमैटो के कस्टमर केयर से की गई बातचीत का स्क्रीनशॉट भी साझा किया और कहा कि वह अपने वकील से इस बारे में परामर्श करेगा। जोमैटो ने इस ट्वीट के जवाब में लिखा, “खाने का कोई धर्म नहीं होता है। खाना खुद ही एक धर्म है।”
जोमैटो के संस्थापक दीपिदर गोयल ने भी अपनी कंपनी के रुख का साथ देते हुए ट्वीट किया, “हम भारत पर गर्व करते हैं और हमारे सम्मानित ग्राहकों और भागीदारों की विविधता पर भी। हमें अपने मूल्यों के रास्ते में आने वाले किसी भी ग्राहक को खोने का खेद नहीं है।”