TIO भोपाल
प्रदेश में अलनीनो का प्रभाव कमजोर पड़ गया है। इससे मौसम विज्ञानी उत्साहित है। उनका कहना है कि इस बार प्रदेश में मानसून सामान्य रहेगा। अगस्त माह में भी झमाझम बरसात होती रहेगी। दरअसल, अलनीनो के असर से मानसून बुरी तरह प्रभावित होता है। इस वर्ष मप्र में मानसून के आगमन के कुछ दिनों बाद जुलाई के शुरुआत में ही मानसून ब्रेक को अलनीनो का दखल माना जा रहा था। जिससे मौसम विज्ञानी चिंतित थे।
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी अजय शुक्ला के मुताबिक अलनीनो इफेक्ट मानसून को बुरी तरह प्रभावित करता रहा है। इस बार भी अप्रैल-मई से ही अलनीनो इफेक्ट हावी था। इससे बेहतर मानसून को लेकर आशंका लाजिमी थी। उधर, जुलाई की शुरुआत में अचानक मानसून ब्रेक की स्थिति बन गई थी। मानसून ट्रफ (द्रोणिका लाइन) हिमालय की तराई में पहुंच गया था। अक्सर मानसून ब्रेक की स्थिति अगस्त के मध्य में बनती है। लेकिन, जुलाई में इस तरह की स्थिति बनना चिंता का विषय था। लेकिन, जुलाई के अंतिम सप्ताह में अलनीनो का प्रभाव कमजोर पड़ गया है। इससे प्रदेश में अच्छी बरसात का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश में जुलाई का सामान्य बरसात का कोटा पूरा हो गया है। अगस्त के पहले सप्ताह में भी पूरे प्रदेश में अच्छी बरसात होने की संभावना है।
अलनिनों एक स्पेनिश शब्द है। इसका अर्थ बिगड़ा हुआ बच्चा होता है। यह मौसम पर विपरीत प्रभाव डालता है। अजय शुक्ला के मुताबिक यह सिस्टम मध्य-पूर्व-मध्य प्रशांत महासागर (भूमध्यरेखा क्षेत्र) में समुद्र का पानी गर्म होने से विकसित होता है। इसकी गर्म हवाएं दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए जरूरी हवाओं की दशा और दिशा पर विपरीत प्रभाव डालती हैं। इससे मानसून की बरसात बुरी तरह प्रभावित होती है।