श्रीनगर
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक 7 सदस्यीय आत्मघाती दस्ते ने जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की है। खुफिया सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि घुसपैठ करने वाले आतंकी ईद या स्वतंत्रता दिवस से पहले बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में हैं।
किसी मस्जिद को भी बना सकते हैं निशाना
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने इस प्रतिबंधित दहशतगर्द तंजीम जैश-ए-मोहम्मद को भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए हरी झंडी दे दी है। जैश-ए-मोहम्मद का सरगना अंतरराष्ट्रीय तौर पर आतंकी घोषित किया जा चुका मसूद अजहर है। सूत्रों के मुताबिक, ISI ने जैश-ए-मोहम्मद से कहा है कि वह भारत में ऐसे हमलों को अंजाम दे, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग मारे जाएं। सुरक्षा अधिकारियों को संदेह है कि आतंकी किसी मस्जिद को निशाना बना सकते हैं ताकि पाकिस्तान भारत पर आरोप मढ़ सके।
मुस्लिम देशों को भड़काने की कोशिश में इमरान
पाकिस्तान प्रायोजित हमले के बारे में ये इनपुट ऐसे समय में आया है, जब 6 दिन पहले ही भारत ने जम्मू-कश्मीर को 2 केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने का फैसला लिया है। संयोग से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को ही भारत के खिलाफ एक के बाद एक कई ट्वीट किए। इमरान ने बीजेपी की अगुआई वाली सरकार की तुलना जर्मनी के नाजियों से की।
जैश के 7 आतंकियों के आत्मघाती दस्ते ने की है घुसपैठ
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जैश के 7 आतंकियों के एक समूह ने बनिहाल के दक्षिण और पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के जरिए क्षेत्र में घुसपैठ की है। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘हमें शक है कि उन्होंने राजौरी या पुंछ जिले में घुसपैठ की है।’
जैश सरगना मसूद का भाई रऊफ ने की ISI अफसरों से मुलाकात
मसूद अजहर का भाई अब्दुल्ल रऊफ अभी जैश की आतंकी गतिविधियों को संचालित कर रहा है। उसी ने 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-814 का अपहरण किया था। खुफिया सूत्रों ने बताया कि रऊफ ने हाल ही में रावलपिंडी में ISI के अधिकारियों से मुलाकात की और इस दौरान आतंकी हमले को अंजाम देने को लेकर चर्चा की। आत्मघाती दस्ते को जम्मू-कश्मीर में भेजने के बाद वह बहावलपुर लौट गया।
हाइवे पर आम नागरिकों, सैन्य प्रतिष्ठानों को भी बना सकते हैं निशाना
दक्षिण कश्मीर के पुलिस सूत्रों ने बताया कि उनके पास सूचना है कि आतंकियों का दस्ता अनंतनाग में हाइवे और आस-पास में आम नागरिकों और सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमला करने की फिराक में हैं।
श्रीनगर में सुरक्षा विश्लेषकों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि अमेरिका और मुस्लिम देशों तक से अनसुना किए जाने के बाद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए बेचैन है। एक विशेषज्ञ ने बताया कि कोई दूसरा रास्ता नहीं दिखने पर अब पाकिस्तान आतंकवाद की अपनी पुरानी रणनीति को आजमा सकता है।