जीएसटी काउंसिल की 27वीं बैठक आज, कई मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

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नई दिल्ली। आज जीएसटी काउंसिल की 27वीं बैठक होने जा रही है। बैठक में अन्य बातों के अलावा सरल टैक्स रिटर्न फॉर्म पेश किए जाने पर विचार किया जाएगा। साथ ही जीएसटी नेटवर्क को सरकारी कंपनी में तब्दील करने के प्रस्ताव पर फैसला किया जा सकता है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में परिषद की बैठक विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होगी। किडनी की बीमारी से ग्रसित जेटली को डॉक्टरों ने संक्रमण से बचने के लिये ज्यादा लोगों से मिलने-जुलने से मना किया है। इसीलिए बैठक विडियो कॉफ्रेन्सिंग के जरिये करने का फैसला किया गया। परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं।
GST Council’s 27th meeting today, can be discussed on many issues
यह बैठक ऐसे समय हो रही जब वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह अप्रैल में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गया। यह एक रेकॉर्ड है। सरकार का कुल जीएसटी संग्रह पिछले महीने 1.03 लाख करोड़ रुपये रहा। पिछले साल एक जुलाई से लागू जीएसटी संग्रह पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में 7.41 लाख करोड़ रुपये रहा। अधिकारियों ने कहा कि रिटर्न को सरल बनाने का मामला अजेंडे में ऊपर है। आइए, देखते हैं किन अहम मुद्दों पर होनी है चर्चा…

नए रिटर्न फॉर्म्स
इसका लंबे समय से इंतजार हो रहा है। इस पर रेवेन्यू आॅफिसरों और इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन निलेकणि से सलाह ली जा रही है, लेकिन बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी के नेतृत्व में मंत्रियों का एक समूह अब तक उन्हें नए फॉर्म को लेकर राजी नहीं कर पाया है। अब सुशील मोदी के प्रस्तावित मिलेजुले फॉर्म (फ्यूजन मॉडल) पर जीएसटी काउंसिल फैसला लेगी। सुशील मोदी की अगुवाई वाला मंत्रियों के समूह ने चर्चा के लिए नए रिटर्न फॉर्म के तीन मॉडल रखा है।

डिजिटल पेमेंट्स पर डिस्काउंट
यह प्रस्ताव नवंबर से ही काउंसिल के सामने है। इसके तहत क्रेडिट कार्ड पेमेंट करने पर ॠरळ में 2% तक छूट मिल सकती है।
जीएसटी नेटवर्क का भविष्य
केंद्र और राज्य सरकारें तय करेंगि कि जीएसटी को संचालित करनेवाली कंपनी जीएसटीएन (ॠरळठ) को 100% सरकार के अधीन रखना है या नहीं। फिलहाल निजी क्षेत्र के पांच वित्तीय संस्थान एचडीएफसी लि., एचडीएफसी बैंक लि., आईसीआईसीआई बैंक लि., एनएसई स्ट्रैटिजिक इन्वेस्टमेंट कंपनी तथा एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस लि. की जीएसटीएन में 51% हिस्सेदारी है। शेष 49% हिस्सेदारी केंद्र सरकार के पास है। इसका गठन 28 मार्च 2013 को किया गया था।
रिवर्स चार्ज मकैनिजम
जीएसटी रजिस्ट्रेशन की बाध्यता से मुक्त 20 लाख रुपये से कम के टर्नओवर वाले कारोबारियों की बिक्री पर नजर रखने के लिए एंटि-इवेजन टूल लाने पर विचार हो सकता है।
चीनी पर सेस
चूंकि कहा यह गया कि सेस और सरचार्ज जीएसटी में समाहित हो जाएंगे, इसलिए चीनी पर अलग से सेस लगाने का मुद्दा विवादित हो गया है। दरअसल, कृषि एवं खाद्य मंत्रालय ने किसानों का बकाया चुकता करने के लिए यह विचार पेश किया है। जीएसटी काउंसिल में शुगर पर सेस को लेकर भी चर्चा हो सकती है।