मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 10 सरकारी बैंक मर्ज होकर 4 बड़े बैंक बनेंगे

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नई दिल्ली

सरकार ने शुक्रवार को बैंकिंग सेक्टर के लिए बड़ा ऐलान किया। 10 सरकारी बैंकों का विलय होकर 4 बड़े बैंक बनेंगे। इनका कुल कारोबार 55.81 लाख रुपए करोड़ का होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह ऐलान किया। 2017 में देश में 27 सरकारी बैंक थे, अब यह 12 रह जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा- पिछले साल तीन बैंकों के विलय से फायदा हुआ, रिटेल लोन ग्रोथ में 25% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

मर्जर का फैसला क्यों?
सरकार को लगता है कि मर्जर से बैंकों के कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी और उनकी बैलेंस शीट मजबूत होगी। सरकार का कहना है कि बैंकों को अंतरराष्ट्रीय आकार का बनाने के लिए यह फैसला लिया गया। यह सही वक्त है कि बैंकों को इस लायक बनाया जाए कि वे 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लक्ष्य में भागीदार बन सकें। वित्त सचिव राजीव कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि बैंक के कर्मचारियों को किसी भी चरण में कोई नुकसान नहीं होगा। कोई छंटनी नहीं की जाएगी। मर्जर से कर्मचारियों की सुविधाएं बेहतर होंगी।

2017 से बैंकों के मर्जर की प्रक्रिया जारी

इस साल जनवरी में कैबिनेट ने देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा का मर्जर मंजूर किया था। इससे पहले 2017 में सरकार ने एसबीआई में 5 सहयोगी बैंकों- स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद के साथ ही भारतीय महिला बैंक का भी विलय कर दिया था। 10 बैंकों के मर्जर का फैसला देश के बैंकिंग इतिहास में दूसरा बड़ा फैसला है। 50 साल पहले जुलाई 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था।

देश में अब ये 12 सरकारी बैंक होंगे

  1. भारतीय स्टेट बैंक
  2. पंजाब नेशनल बैंक
  3. बैंक ऑफ बड़ौदा
  4. केनरा बैंक
  5. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
  6. बैंक ऑफ इंडिया
  7. इलाहाबाद बैंक
  8. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
  9. इंडियन ओवरसीज बैंक
  10. यूसीओ बैंक
  11. बैंक ऑफ महाराष्ट्र
  12. पंजाब और सिंध बैंक

नीरव मोदी जैसे केस रोकने के लिए एसबीएस लागू किया

  • वित्त मंत्री ने कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी का लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि लोन रिकवरी रिकॉर्ड स्तर पर हुई है और 250 करोड़ रुपए से ज्यादा के हर कर्ज पर हमारी नजर है।
  • सीतारमण ने कहा कि भगोड़ा आर्थिक अपराध कानून के जरिए कई भगोड़ों की संपत्तियां जब्त कीं, उन्हें वापस लाने की कोशिशें जारी हैं।
  • “नीरव मोदी जैसे मामलों को रोकने के लिए स्विफ्ट बैंकिंग सिस्टम (एसबीएस) लागू किया। अब तक 3.85 लाख शेल कंपनियां बंद कीं।”
  • वित्त मंत्री ने बताया कि बैंक रेपो रेट से जुड़े प्रोडक्ट लॉन्च करने को कहा था। इसका नतीजा यह निकला 8 सरकारी बैंकों ने इससे जुड़े होम, व्हीकल, कैश-क्रेडिट लोन जैसे प्रोडक्ट लॉन्च किए।
  • “लोन डॉक्यूमेंट्स की निश्चित समय सीमा में वापसी करने को कहा गया था। इसके बाद निर्देश जारी किए गए, जिन्हें लागू करवाने के लिए सीबीएस और रीजनल मैनेजर को जिम्मेदारी दी गई।”
  • उन्होंने बताया- एनपीए में कमी आई है। एनपीए की रकम 8.65 लाख करोड़ रुपए से घटकर 7.90 लाख करोड़ रुपए रह गई। कर्ज वसूली 14 सरकारी बैंकों का मुनाफा बढ़ा है। तीन बैंकों के विलय से फायदा हुआ, रिटेल लोन ग्रोथ में 25% बढ़ोतरी हुई है।