नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की 27वीं बैठक में आज कई अहम फैसले लिए गए। इस बैठक में जीएसटीएन को पूरी तरह से सरकारी कंपनी बनाने के संबंध में आम सहमति बनाने के साथ-साथ सभी के लिए सिंगल मंथली रिटर्न फॉर्म पर भी एक राय बनी है। साथ ही इस बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि चीनी पर कोई उपकर (सेस) नहीं लगाया जाएगा।
GST Council: Single Monthly Returns for Everyone, Cess will not look at Sugar
जीएसटी काउंसिल की 27वीं बैठक में जीएसटीएन को पूरी तरह से सरकारी कंपनी बनाने पर आम सहमति बन गई है। काउंसिल ने इस बैठक में कहा कि जीएसटीएन को सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी बनाया जाएगा। इस फैसले को विस्तार से बताते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री और जीएसटी काउंसिल के अध्यक्ष अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटीएन में जो निजी कंपनियों के पास 51 फीसद की हिस्सेदारी है सरकार उसे वापस ले लेगी। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकार के पास जीएसटीएन में 50-50 फीसद की बराबर-बराबर हिस्सेदारी होगी। राज्य सरकारों के पास हिस्सेदारी प्रो-रेटा आधार पर होगी जो कि उनके जीएसटी अनुपात में होगी।
चीनी पर नहीं लगेगा सेस: जेटली ने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने सुगर पर सेस लगाने का फैसला टाल दिया गया है। काउंसिल ने गन्ना किसानों की मदद करने के लिए चीनी पर उपकर लगाने का फैसला फिलहाल के लिए टाल दिया है, क्योंकि राज्यों ने इसका विरोध किया था। वित्त मंत्री बताया कि किसानों की मदद करने के लिए एक 5 मंत्रियों की की एक समिति का गठन करने का फैसला लिया गया है। यह समिति अिगले दो हफ्ते में अपनी सिफारिशें देगी। इस समिति की घोषणा अगले दो दिन में कर दी जाएगी।
सभी के लिए सिंगल मंथली रिटर्न फॉर्म: काउंसिल की बैठक के बाद वित्त सचिव हसमुख अढिया ने कहा रिटर्न प्रक्रिया को और आसान बनाने और अनुपालन को बढ़ाने के लिए कारोबारियों के लिए एक सिंगल मंथली रिटर्न फॉर्म पेश किया जाएगा। हालांकि इस सिंगल मंथली रिटर्न फॉर्म को पूरी तरह से आॅपरेशनल होने में छह महीने का समय लगेगा। इसलिए तब तक मौजूदा जीएसटीआर-3बी और जीएसटीआर-1 सिस्टेम को चालू रखा जाएगा।