TIO भोपाल
चिठ्ठी विवाद पर मध्य प्रदेश कांग्रेस में मचे घमासान के बाद आज दिग्विजय सिंह सामने आए और वनमंत्री उमंग सिंघार द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर सफाई पेश की। भोपाल में मीडिया से हुई बातचीत में दिग्विजय सिंह ने कहा कि, “मेरी राजनैतिक लड़ाई भाजपा की विचारधारा से है। मैंने कभी इस मामले में समझौता नही किया। ये वो विचारधारा है, इसे देश की एकता को तोड़ने का काम किया है। वहीं उमंग सिंघार के बयान के बाद मचे घमासान पर उन्होंने सीधे कुछ नहीं कहा। लेकिन ये जरूर बताया कि, पिछले 4-5 दिनों से जो बातें चल रही हैं उस पर सीएम कमलनाथ और सोनिया गांधी कोई फैसला लेंगी। मैं सबसे यही अपील करूंगा कि सभी अनुशासन का पालन करें। भाजपा को मौका न दें। ये जब से शुरू हुआ है, जबसे मैंने भाजपा पर आरोप लगाए हैं।”
वहीं उमंग सिंघार के उस बयान पर कि पर्दे के पीछे से दिग्विजय सिंह सरकार चला रहे हैं पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि, “मुख्यमंत्री कमलनाथ कमजोर नहीं है, वो फैसले लेने में सक्षम हैं। वहीं जब वनमंत्री से उनकी मुलाकात को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने सीधे तो कुछ नहीं कहा, लेकिन इशारों-इशारों में ये साफ कर दिया कि वो फिलहाल उमंग सिंघार से नहीं मिलेंगे।” वहीं जब वनमंत्री उमंग सिंघार से दिग्विजय सिंह से मुलाकात को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ कर दिया कि, अगर वो मिलने के लिए आते हैं तो उनका स्वागत।
दिग्विजय और कमलनाथ की हुई थी मुलाकात
ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि गुरुवार देर रात दिग्विजय सिंह और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच एक बैठक हुई थी। एक घंटे तक चली इस बैठक में दोनों नेताओं ने मौजूदा विवाद को लेकर चर्चा की। जिसके बाद ये फैसला लिया गया कि कोई भी मंत्री और विधायक ऐसे बयान नहीं देगा, जिससे पार्टी को किसी तक कोई नुकसान हो।
सिंघार से भी मिले थे सीएम कमलनाथ
इससे पहले मंगलवार को सीएम कमलनाथ और वनमंत्री उमंग सिंघार की भी बैठक हुई थी। इसके बाद सिंघार के सुर अचानक बदल गए थे और उन्होंने इस विवाद पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि मैंने अपनी आपत्ति सीएम के सामने रखी है और उन्होंने उसका समाधान निकालने का आश्वासन दिया है। हालांकि इसके बाद उमंग सिंघार ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने ये साफ कर दिया था कि वो पीछे हटने के मूड में नहीं हैं।