- इंदाैर-इच्छापुर हाईवे स्थित नर्मदा नदी पर बना मोरटक्का ब्रिज बंद, नीमच में भारी बारिश के बाद बही बाइक
- ओंकारेश्वर बांध से 16 हजार क्यूमेक्स पानी छोड़े जाने के कारण बढ़ा जलस्तर
- बरगी, तवा, इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध से लगातार पानी छाेड़े जाने नर्मदा उफान पर
- इंदिरा सागर बांध के 12 गेट खोले, पुल से 7 फीट नीचे था पानी, सुरक्षा की दृिष्ट से रोका ट्रैफिक
खंडवा/रतलाम
मप्र में सितंबर में भी बारिश का सितम जारी है। भारी बारिश से मालवा-निमाड़ की ज्यादातर नदियां उफान पर हैं। नर्मदा का जलस्तर तो लगातार बढ़ता जा रहा है। बरगी, तवा, इंदिरा सागर अाैर अाेंकारेश्वर बांध से लगातार पानी छाेड़े जाने के कारण रविवार रात इंदाैर-इच्छापुर हाईवे स्थित नर्मदा नदी पर बना मोरटक्का ब्रिज बंद कर दिया गया। रात में ही ट्रैफिक रोक दिया गया। हालातों पर नजर रखने के बाद ही इसे खोला जाएगा। तब तक इंदौर से अाने-जाने वाले वाहन देशगांव से भीकनगांव-खलघाट हाेते हुए निकलेंगे। वहीं नीमच जिले के रामपुरा में 2 घंटे हुई मूसलाधार बारिश से सड़कों ने नाले का रूप ले लिया और दुकान के सामने खड़ी बाइक और ढेला बह गया।
18 गेट ढाई मीटर खोले, आश्रम व मंदिर खाली कराए
ओंकारेश्वर बांध प्रबंधन ने भी 18 गेट ढाई मीटर खोल कर 16 हजार क्यूमेक्स प्रति सेकंड पानी छोड़ना शुरू कर दिया है। इस कारण निचले क्षेत्र के मोरटक्का में नर्मदा घाटों पर जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सूचना मिलते ही पुनासा एसडीएम ममता खेड़े रात 8 बजे मोरटक्का पहुंची। उन्होंने नर्मदा किनारे के आश्रमों व मंदिरों को तत्काल खाली कराने के निर्देश दिए। उन्होंने खड़े रहकर आश्रम खाली कराए। क्षेत्र की बिजली सप्लाय भी बंद किया गया ताकि करंट ना फैले। उन्होंने पटवारी व होमगार्ड जवानों को मौके पर मौजूद रहकर सतर्क रहने के निर्देश दिए।
इंदिरा सागर बांध: सीजन में पहली बार 12 गेट साढ़े 4 मी. तक खोले
बरगी और तवा बांध से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। इस सीजन में पहली बार इंदिरा सागर बांध के 12 गेट साढ़े चार मीटर तक खोलकर 13 हजार क्यूमैक्स पानी छोड़ा गया। जबकि आठों टरबाइन चलाकर 1840 क्यूमैक्स पानी प्रति सेकंड छोड़ा जा रहा है। 16 सितंबर से बांध के गेट खोले हैं। इंदिरा सागर परियोजना प्रमुख अनुराग सेठ के मुताबिक रविवार 8 सितंबर को गेट खुले रखने का 24वां दिन था। 2013 में लगभग 53 दिन तक गेट खोलकर पानी छोड़े जाने का रिकार्ड है।
गत दो वर्ष में जिले में ऐसी थी बारिश की स्थिति
- 2017 में 27.7 इंच सीजन में कुल बारिश हुई थी 8 सितंबर तक।
- 2018 में 1 जून से 8 सितंबर तक 25.5 इंच बारिश हुई थी।
इसलिए ज्यादा हुई है बारिश
इस बार सिस्टम ज्यादा बने हैं। सामान्य तौर पर 4 से 14 बार सिस्टम बनते हैं। इस बार 8 बने हैं। 2 सिस्टम और बनने की संभावना है। पिछले साल 5 से 6 बार ही बने थे। अब तक सिस्टम 8 से आगे बढ़े नहीं है।
जो भी सिस्टम बन रहे हैं, वह मध्यप्रदेश के ऊपर ज्यादा ही रहे हैं।
इनकी मूवमेंट स्लो थी। इसी वजह से दो से तीन दिन तक लगातार बारिश हुई है।
औसत से ज्यादा बारिश वाले जिलों में खंडवा भी
इधर प्रदेश में औसत से 20 से 59 प्रतिशत ज्यादा बारिश वाले जिलों में खंडवा भी शामिल है। खंडवा जिले में 8 सितंबर रविवार तक कुल 36.29 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि जिले की औसत बारिश 32 इंच है। इस मान से अब तक 4.29 इंच बारिश अधिक हो चुकी है। पिछले साल 8 सितंबर तक जिले में कुल 25.72 इंच बारिश हुई थी। इस साल और पिछले साल की तुलना करे तो अब तक 10.57 इंच बारिश ज्यादा हो चुकी है। बारिश ने दो दिन राहत दी, लेकिन रविवार दोपहर से रिमझिम का दौर शुरू हो गया।
निमाड़ के चारों जिलों में औसत से ज्यादा बारिश
खंडवा सहित निमाड़ के बुरहानपुर, खरगोन और बड़वानी जिले में औसत से ज्यादा बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग भोपाल के मुताबिक इन चारों ही जिलों को 20 या 59 प्रतिशत से अधिक बारिश वाले जिलों की श्रेणी में रखा गया है।
नीमच के रामपुरा में भारी बारिश के हालात बिगड़े
नीमच जिले में रविवार से हो रही बारी का दौन सोमवार को भी जारी है। लगातार बारिश नदी-नाले उफान पर हैं। इसके पहले रविवार को रामपुरा तहसील में 2 घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश के बाद नगर पूरा पानी-पानी हो गया। लालबाग बड़ा बाजार पुरानी सब्जी मंडी कुशालपुरा मदार बाद सहित कई निचली बस्तियों में पानी भरा गया। सड़कों से बह रहे पानी ने एक बैंड और बाइक को भी बहा दिया। जिसे लोंगों ने मशक्कत के बाद पकड़ा।