अगर पाकिस्तान को प्रगति करनी है तो पाकिस्तान से दोस्ती जरूरी: पाक सेनाध्यक्ष

0
323

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा मानते हैं कि भारत के शांति और स्थिरता के लिए सैन्य सहयोग बहुत जरूरी है। ब्रिटेन स्थित थिंक टैंक रॉयल यूनाइट्स सर्विसेज इंस्टिट्यूट ने अपनी ऐनालिटिकल रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट के मुताबिक इतिहास में ऐसा पहला मौका था, जब बीते महीने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने भारत के मिलिट्री अताशे संजय विश्वराव और उनकी टीम को पाक दिवस के मौके पर इस्लामाबाद में आयोजित परेड के लिए बुलाया। यही नहीं इसके दो सप्ताह बाद पाकिस्तान के सेनाध्याक्ष बाजवा ने कहा कि पाक सेना भारत के शांति और बातचीत चाहती है।
If Pakistan wants to progress then friendship with Pakistan is necessary: Chief of the Army Staff
दोनों प्रतिद्वंद्वी देशों के बीच सुलह की यह पहल अप्रत्याशित है। दोनों ही देश सितंबर महीने में रूस में आयोजित होने वाले सैन्य अभ्यास में भी हिस्सा ले सकते हैं, जिसमें चीन की भी भागीदारी होगी। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कश्मीर में लाइन आॅफ कंट्रोल पर दोनों देशों के बीच फायरिंग की घटनाओं के बाद यह प्रयास तेज हुए हैं।’ बता दें कि पिछले साल रॉयल यूनाइट्स सर्विसेज इंस्टिट्यूट से बातचीत करते हुए पाक सेना प्रमुख ने कहा था कि हम चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर में भारत की सहभागिता का स्वागत करेंगे।

रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर 2016 में बाजवा के आर्मी चीफ का पद संभालने के बाद से पाक सेना के रवैये में बदलाव आया है। भारत में कई पक्षों ने पाकिस्तान मिलिट्री के इस रवैये का स्वागत किया है क्योंकि वे मानते हैं कि यदि पाक सेना ऐसा कहती है तो वह इस फैसले को लागू भी करा सकती है। भारत के साथ पाक की हाल ही में हुई डीजीएमओ लेवल की मीटिंग में भी इस पर बात हुई थी। इस बैठक में पाक के सीनियर अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल आमिर रियाज ने हिस्सा लिया था।

6 गुना बड़े पड़ोसी से दुश्मनी ठीक नहीं: पाक अफसर
रिपोर्ट में कहा गया कि एक अन्य पाक अधिकारी मेजर जनरल अहमद हयात ने 2013 में कथित तौर पर एक इंडिया प्लान लिखा था, जिसमें यह बताने की कोशिश की गई थी कि कब और कैसे पाकिस्तान को भारत से बातचीत करने का प्रयास करना चाहिए। आईएसआई के एनालिसिस विंग के डायरेक्टर जनरल हयात ने कहा था कि पाक सेना को भारत से तब बात करनी चाहिए, जब उसकी रक्षा कूटनीति मजबूत हो और किसी भी तरह के अमेरिकी दबाव से मुक्त हो। उन्होंने कहा, ‘यह बात सही है कि आप अपने ऐसे पड़ोसी से हमेशा दुश्मनी की स्थिति में नहीं रह सकते, जो साइज में आप से छह गुना बड़ा हो। लेकिन संकेत तो सही होने चाहिए।’